कभी प्रेम, कभी घृणा से काटी जाती बोटियां, हर बार धोखे और विश्वासघात से सहमती और सिसकती है बेटियां.....
लगभग हर रोज आप पेपर उठाते हैं तो महिला के शोषण के खबर पढ़ते हैं, इसी क्रम में कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है जो रूह को भी हिला दे, जो आपकी रातों की नींद उड़ा दे और आप चिंतित हो जाएं कि आप उसी समाज में रहते हैं जहां रोज जहां एक तरफ किसी न किसी बेटी को या तो प्रेम के नाम पर स्वीकृति न मिलने पर तेजाब डालक…