"गीत"
आज "विश्व काव्य दिवस" के अवसर पर समस्त कवियों, शायरों, साहित्य-प्रेमियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाओं के साथ अपनी एक रचना प्रकाशनार्थ आपकी सेवा में प्रेषित कर रहा हूं। धुँआ-सा क्या सुलगता है ? कहीं कुछ तो महकता है ! -ज़हर कैसा हवा …
