*दिल मचले इस सावन में*
सावन गीत :- प्रियतम आजा दूर देश से दिल मचले इस सावन में। संग-संग हम झूलेंगे झूला बरसा ऋतु मनभावन में। बारिश के टिप-टिप से ज्यादा ये दिल धक-धक करता है पागल पुरवा शोर करे है मन भी आहें भरता है गाऊंगी मल्हारें तुझ संग प्रीति-प्रणय इस पावन में। दरिया सा यह यौवन उफने लहर उठे मेरे मन में खुश्बू सी…
