बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष : सत्य, अहिंसा और करूणा के देवदूत थे महात्मा बुद्ध
सोवियत रूस और यूक्रेन के मध्य चल रहे भीषण युद्ध और इस युद्ध को रोकने के प्रयासों के मद्देनजर आज से ढाई हजार साल पहले महात्मा बुद्ध द्वारा प्रतिपादित पंचशील का सिद्धांत  प्रासंगिक होने लगता है। व्यक्तिगत, सामाजिक और राजनीतिक जीवन को सुख्मय, शाॅतिमय, और ज्योतिर्मय बनाने के लिए महात्मा बुद्ध ने सर्वप्…
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1 मई मजदूर दिवस : इतिहास, वर्तमान और भविष्य का असली निर्माता हैं मेहनतकश मजदूर
एक दिन फल जरूर उगेगे रोटी के पेड में, इंकलाबी जिस दिन खेत के मजदूर हो गए। मेहनतकशों के पसीनों से भी महकेगा गुलिस्ताॅ अपना, हवा-हवाई आसमानी रहनुमा जिस दिन ठेर हो गये।  इतिहास के पन्नों में दर्ज दुनिया के अनगिनत राजाओं, रईसों, सम्राटों, बादशाहों और शहंशाहो के अनेकानेक सुनहरे सपनों, क्षख्वाबों तथा ख्व…
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एक माँ की मन की व्यथा.....
माँ जब अपने बच्चों का परवरिश जैसे तैसे करके बड़ा कर देती है और उसके बच्चे समाज के बीच रहने लगते हैं तब मां के लिए सबसे कठीन परिस्थिति होता है अपने बेटे की शादी करना क्योंकि जब अपने रिश्तेदारों और समाज में शादी विवाह देखती है तो वह भी सोचती है कि जल्दी से मेरे बेटे का भी शादी हो जाए फिर धीरे-धीरे …
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महाड़ सत्याग्रह और बाबासाहेब आंबेडकर
सामाजिक क्रांति के इतिहास में के डॉक्टर बाबा साहेब आम्बेडकर के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। विलायत से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उच्च डिग्री प्राप्त करने के बाद बाबा साहब आम्बेडकर 1917 में भारत आये। अपने करार के अनुसार कुछ समय उन्होने बड़ौदा रियासत में अर्थ मंत्री के रूप में कार्य किया। लेकिन…
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भगवान महावीर की शिक्षायें मानव कल्याण के लिए उपयोगी हैं!
04 अप्रैल - महावीर जयन्ती पर विशेष लेख :- (1) मानवता के लिए त्याग करने वाला महावीर है :- महावीर का जन्म वैशाली (बिहार) के एक राज परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सिद्धार्थ और माता का नाम त्रिशिला था। बचपन से ही वे 23वें तीर्थकर पार्श्वनाथ की आध्यात्मिक शिक्षाओं से अत्यधिक प्रभावित थे। एक राजा के…
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30 मार्च-रामनवमी पर्व पर विशेष लेख : राम को धरती और आकाश की कोई भी शक्ति ‘प्रभु का कार्य’ करने से रोक नहीं सकी!
(1) ‘राम’ को कोई भी शक्ति प्रभु का कार्य करने से रोक नहीं सकी :- जो कोई प्रभु को पहचान लेते हैं उन्हें धरती और आकाश की कोई भी शक्ति प्रभु का कार्य करने से रोक नहीं सकती। मानव सभ्यता के पास जो इतिहास उपलब्ध है उसके अनुसार राम का जन्म आज से लगभग 7500 वर्ष पूर्व अयोध्या में हुआ था। राम ने बचपन में ही …
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अब भी चेतिए और पौधे लगाइए, तभी बचेगा जीवन : डॉ0 गणेश पाठक पर्यावरणविद्
विश्व वानिकी दिवस, 21 मार्चपर विशेष :-                     अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के पूर्व प्राचार्य, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के पूर्व शैक्षणिक निदेशक एवं जिला गंगा समिति के सदस्य पर्यावरणविद् डा० गणेश कुमार पाठक ने एक भेंटवार्ता में बताया कि कोरोना महामा…
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51 वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से परिपूर्ण है!
भारतीय संविधान निर्माता डा. आंबेडकर ने हमें विश्व का सबसे अनूठा संविधान दिया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 -अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि राज्य करेगा के अन्तर्गत कहा गया है कि (क) अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि का, (ख) राष्ट्रों के बीच न्यायसंगत और सम्मानपूर्ण संबंधों…
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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस : शान्ति से ओतप्रोत नारी युग के आगमन की शुरूआत हो चुकी है!
(1) संयुक्त राष्ट्र संघ की महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल :- संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा के अनुसार सारे विश्व में प्रतिवर्ष 8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को सरकारी व गैर-सरकारी कार्यालयों के साथ ही शैक्षिक संस्थानों आदि में भी महिला सशक्तिकरण पर सारगर्भित…
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भारतीय समाज, लोकजीवन, राजनीति, साहित्य और कला को दिया दिखाने वाला ग्रंथ है रामचरितमानस
संस्कृत भाषा भारतीय वांगमय के आदि कवि बाल्मीकि कृति रामायण, कम्बन रामायण, तेलुगू रामायण और लगभग समस्त भारतीय भाषाओं में सृजित रामायण सहित मध्यकालीन भक्ति आंदोलन के सुप्रसिद्ध रचनाकार महाकवि तुलसीदास द्वारा रचित अजर-अमर रामचरितमानस हमारी सभ्यता, संस्कृति और समृद्ध साहित्यिक परंपरा की अनमोल धरोहर…
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*राजनीतिक विष और बर्बाद युवा*
गाँव में फलाना सुबह-सुबह टहलते हुए गाँव के ही कुछ नौजवानों में से पूछते हैं- "का रे! बबुआ का करत बाड़े? आज काल युवक के पास कोई जवाब नहीं है फिर भी बना बनाया जवाब देता है की!" एसएससी अउरी सिपाही के तैयारी करत बानी। फलाना फिर पूछते है कि "कइसन तैयारी करत बाड़े, तू त दिन भर चट्टी-चौराहा…
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पूर्णत: समाप्ति के कगार पर हैं बलिया में वन्य जीव : डॉ0 गणेश पाठक
3 मार्च विश्व वन्य जीव संरक्षण दिवस पर विशेष :-        विश्व वन्य जीव दिवस 2023 का मुख्य विषय है- "पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्प्राप्ति हेतु वन्य जीवों की बहाली करना"      समग्र विकास एवं शोध संस्थान बलिया के सचिव पर्यावरणविद् डा० गणेश पाठक ने एक भेंटवार्ता में बताया कि बलिया, जो कभी घने …
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