एक माँ की मन की व्यथा.....

 


माँ जब अपने बच्चों का परवरिश जैसे तैसे करके बड़ा कर देती है और उसके बच्चे समाज के बीच रहने लगते हैं तब मां के लिए सबसे कठीन परिस्थिति होता है अपने बेटे की शादी करना क्योंकि जब अपने रिश्तेदारों और समाज में शादी विवाह देखती है तो वह भी सोचती है कि जल्दी से मेरे बेटे का भी शादी हो जाए फिर धीरे-धीरे समय जैसे तैसे आगे निकलता है। 

एक मां का मन भारी होता जाता है ना जाने मेरा बेटा कब शादी करेगा फिर 1 दिन ऐसा आता है मां पूरी आजादी दे देती है जो पसंद है उसी से शादी कर लो वहां माँ  यह सोचती है कि बस बेटा का घर बस जाए और वह भी अपने परिवार में खुश रहे लेकिन वहां भी मां अपने बेटे के बारे में सोचती है ऐसे जज्बातों में बहुत से बेटे बह जाते हैं और अपने मन मुताबिक लड़की लाते हैं जहां लड़की लड़के का ख्याल तो रखती है लेकिन मां-बाप से दूर-दूर तक कोई मेल नहीं हो पाता है।

अब बताइए बेटा तो किसी भी लड़की के साथ जीवन भर खुश रहेगा लेकिन उस मां का क्या जो हजार सपने देखी थी अपने बहु को लेकर उसकी मन की बातें तो मन में ही दफन हो जाएगी और फिर उस लड़के के माता-पिता ठीक उसी प्रकार जीवन बिताने पर मजबूर हो जाएंगे जैसे वह अपनी शादी के समय जीते थे एक दूसरे को देख कर।

मां कभी अपने बेटों के फैसले पर उंगली नहीं उठाती है और जो समझदार होती है और सीधी होती है वह तो बिल्कुल नहीं बस उनका एक ही कहना रहता है बेटे को जो अच्छा लगे वही करें, रहना तो पूरी जिंदगी उसे ही है ना।

लेकिन एक बेटे को सोचना चाहिए कि मैं ऐसे लड़की से शादी करूं जो मेरी मां और पिता को प्राथमिकता दें जैसे मेरी बहने देती थी, ससुराल जाने से पहले। 

क्योंकि एक सांस को जब अच्छी बहू मिल जाती है तो एक मां को बेटी मिल जाती है और घर में खुशियों की दिवाली मनती है।

एक बहू को अपनी सास के साथ हमेशा रहना चाहिए जब  एक सास बहू को घर में लाती है और लाने के बाद जब भी वह बाहर जाती है तो समाज के लोग सांस को घूर घूर कर देखते हैं क्योंकि दरअसल वह यह देखते हैं की बहु किस प्रकार अपने सास को तैयार की है यह सब देखने से ही वह अंदाजा लगा लेती हैं की बहू कैसी है।

माँ, यह सारी कमियां पूरी करने वाली एक बहू के रूप में बेटी  ढूंढती है जो सदैव उनकी खुशियों की वजह  बने क्योंकि घर में जितना पत्नी का खुश होना मायने रखता है, उतना ही मां का खुश रहना मायने रखता है।

जब यह दोनों खुश रहती हैं तब पति दुगना तरक्की करता है और अपने जीवन का फैसला हमेशा सोच समझ करना  चाहिए समाज तो हर बातो पर उंगली उठाता है चाहे आप सही करो या गलत करो लेकिन आपको अपने परिवार की खुशियां बचानी है तो आप सदैव सोच-समझकर फैसला करो जिससे आपकी मां और परिवार भी खुश रहे और आप भी खुश रहो........

जानकी सूरी गौर ✍️

     बलिया।




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