उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज, गांव की चट्टियों पर दिनभर होती रही सियासी चर्चा


बलिया में पंचायत चुनाव की तैयारी, 2026 से पहले ही गांवों में सियासी गर्मी

पद्मदेव सिंह (पीडी सिंह) द्वारा :-

बलिया। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आहट ने गांव-गांव में सियासी पारा चढ़ा दिया है। हालांकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 में होना है। चुनावी रणभेरी बजने से पहले ही जनचेतना का माहौल बनना शुरू हो गया है। गांव की गलियों, चट्टियों और चौपालों पर सुबह की चाय से लेकर रात की बैठकी तक मतदाताओं की महफिलें सज रही हैं। लोग भावी उम्मीदवारों की चर्चाओं में मशगूल हैं और हर कोई अपनी राय और आकलन साझा कर रहा है।

ग्रामीण इलाकों में दुकानों और हाट-बाजारों से लेकर पनघट तक सियासी चर्चाओं का माहौल गर्म है। युवा मतदाता सोशल मीडिया के जरिए भी बहस में हिस्सा ले रहे हैं, वहीं बुजुर्ग अपने अनुभवों और पुरानी यादों के हवाले से प्रत्याशियों के कामकाज की तुलनात्मक समीक्षा कर रहे हैं।

जनसंपर्क में जुटे संभावित प्रत्याशी

एक ओर संभावित प्रत्याशी घर-घर दस्तक देकर समर्थन जुटाने में लगे हैं, वहीं उनके समर्थक प्रचार सामग्री तैयार करने और जनसंपर्क की रणनीति बनाने में जुटे हैं। गांव की गलियों में विकास के मुद्दे, सड़क-बिजली-पानी की समस्याएं, शिक्षा और स्वास्थ्य के हालात से लेकर जातीय व सामाजिक समीकरणों पर चर्चा आम हो गई है।

महंगाई और बेरोजगारी पर भी चर्चा

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है। कोरोना महामारी के बाद बदली परिस्थितियां, महंगाई, बेरोजगारी और सरकारी योजनाओं के असर जैसे मुद्दे मतदाताओं की प्राथमिकताओं में शामिल हैं। महिलाएं भी बढ़-चढ़कर चुनावी चर्चाओं में हिस्सा ले रही हैं और अपनी समस्याओं को खुलकर रख रही हैं।

नए चेहरों को मिल सकता है मौका

स्थानीय विश्लेषकों का कहना है कि कई गांवों में इस बार नए चेहरों के सामने आने की संभावना प्रबल है। कई पुराने प्रतिनिधियों की कार्यशैली को लेकर जनता में नाराजगी भी देखी जा रही है। ऐसे में युवा प्रत्याशी और महिलाएं भी अपनी दावेदारी पेश करने की तैयारी में हैं।

तारीखों के ऐलान से पहले ही माहौल गरमाया

हालांकि निर्वाचन आयोग की ओर से चुनावी कार्यक्रम का औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन गांव की फिजाओं में पहले ही चुनावी रंग घुल चुका है। चट्टी-चौराहों पर लोगों के जमावड़े और चर्चाओं से साफ है कि इस बार हर मतदाता जागरूक और सजग होकर मतदान करने की तैयारी में है।





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