"सच्चा सोना"
एक बार फिर सोच लो सन्तोषी बहन, तुम ये अपना पुश्तैनी सोना अपनी बिटिया भवानी के उस लोहे की तलवार बाजी (फेंसिंग) के खेल के लिए गिरवी रखना चाहती हो, जिसका कोई भविष्य नही। बच्चों का क्या है, वो तो नासमझ होते हैं, हम बड़ों को ही उनका अच्छा बुरा सोचना होता है। मैं तो तुम्हें फिर एक बार समझा रहा हूं, तु…
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