पुनरुत्थान के मार्गी एवं युवाओं के प्रेरणास्रोत! स्वामी विवेकानंद!
आगामी 12 जनवरी को भारत अपने सपूत स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाएगा लेकिन क्या वह भारतीय जीवन शैली उसकी रीढ़ की हड्डी और अस्मिता को पहचान पाएगा?  क्या वह मानव जाति का आध्यात्मिकरण अपने इस आधुनिक जीवन मार्ग से ढूंढ पाएगा? क्या वह नष्ट करो कि विघटनकारी संसार का कोई भला कर पाएगा? अगर हां तो फिर आवश्यक…
Image
प्रजातिवाद, नस्लवाद और रंगभेद के खिलाफ सशक्त आंदोलन की थाती लेकर लौटे थे महात्मा गाँधी.....
प्रवासी दिवस : - 9 जनवरी 1915 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आए थे। इसी उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को भारत में प्रवासी दिवस के रूप मे मनाया जाता हैं। महात्मा गांधी एक पर्यटक की तरह नहीं बल्कि प्रजाति वाद, नस्लवाद और रंगभेद के खिलाफ सशक्त आंदोलन की थाती, सत्याग्रह…
Image
हमें सारे जगत् से प्रेम करने वाले मानवतावादी विश्व नागरिक तैयार करने होंगे!
(1) हम तो निमित्त मात्र हैं:- अक्सर यह देखने में आता है कि जब हम किसी की मदद करते हैं तो हमारे अंदर एक अभिमान सा आ जाता है कि हमने उसकी मदद की है। लेकिन ऐसा है नहीं। हम तो निमित्त मात्र हैं। वास्तव में ईश्वर की हमारे ऊपर यह विशेष कृपा है कि उसने हमें इस लायक बनाया है कि हम किसी की तन, मन और धन से म…
Image
विकास की अद्वितीय अकल्पनीय कल्पनाओं के साथ अवतरित हुए थे कल्पनाथ राय....
दिल का सुना साज तराना ढूँढेगा, मुझको मेरे बाद जमाना ढूंढेगा।। ॠषियो मुनियों और सत्य के सच्चे साधकों की साधना भूमि वनअवध के महकते-चहकते आंगन में एक साधारण किसान परिवार में पैदा हुए विकास पुरुष कल्पनाथ ने अपनी कर्मठ्ता से अपनी कर्मभूमि को सजाने सवारने का प्रयास किया। होनहार वीरवानो और फ़ौलादी इरादा रख…
Image
हमें सारे जगत् से प्रेम करने वाले मानवतावादी विश्व नागरिक तैयार करने होंगे!
(1) हम तो निमित्त मात्र हैं :- अक्सर यह देखने में आता है कि जब हम किसी की मदद करते हैं तो हमारे अंदर एक अभिमान सा आ जाता है कि हमने उसकी मदद की है। लेकिन ऐसा है नहीं। हम तो निमित्त मात्र हैं। वास्तव में ईश्वर की हमारे ऊपर यह विशेष कृपा है कि उसने हमें इस लायक बनाया है कि हम किसी की तन, मन और धन से …
Image
महज संविधान के पन्नों में सिमट कर रह गया है शिक्षा का अधिकार
यह सर्वविदित तथ्य है कि-किसी भी समाज के सर्वांगीण और सर्वोत्तम  विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ शिक्षा व्यवस्था सर्वाधिक आवश्यक आधारभूत तत्व है। समुचित शिक्षा द्वारा ही मनुष्य की अंतर्निहित क्षमताओं का सर्वोत्तम विकास होता हैं तथा मनुष्य के मन और मस्तिष्क के सभी कपाट खुलते जाते हैं। आधुनिक, वैज्ञानिक और स…
Image
संघर्ष जीवन का सबसे बड़ा वरदान!
(1) बिना संघर्ष के सफलता कभी नहीं मिलती :- जब तक जीवन है, तब तक संघर्ष है। प्रत्येक दिन कोई न कोई चुनौती, कोई न कोई संघर्ष जीवन में आते ही रहते हैं तो फिर इनसे घबराना कैसा? दुनियाँ में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है, जिसके जीवन में चुनौतियां, संघर्ष, दुःख, कठिनाई और रूकावटे न आयी हो। कोई परीक्षा में…
Image
प्रभु का स्मरण करने का रास्ता भी एक है तथा मंजिल भी एक है!
(1) प्रभु का स्मरण करने का रास्ता भी एक है तथा मंजिल भी एक है :- विश्व भर में धर्म के नाम पर जो लड़ाई-झगड़े हो रहे हैं, उसके पीछे एकमात्र कारण धर्म के प्रति लोगों का अज्ञान है। प्रायः लोग कहते हैं कि प्रभु का स्मरण करने के अलग-अलग धर्म के अलग-अलग रास्ते हैं किन्तु मंजिल एक है। परन्तु सभी धर्मों के …
Image
अब प्रदूषण से बचायेंगें ग्रीन पटाखे : डॉ0 गणेश पाठक
बलिया। अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के पूर्व प्राचार्य एवं सम्प्रति जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के निदेशक (शैक्षणिक) पर्यावरणविद् डा० गणेश कुमार पाठक ने एक भेंटवार्ता में बताया कि ग्रीन पटाखें ऐसे पटाखें होते हैं, जिनका प्रयोग करने से न केवल वायु प्रदूषण कम होता है…
Image
बलिया नगर के लिए अभिशाप बनता जा रहा है डम्प होता ठोस अपशिष्ट कूड़ा-कचरा : डॉ0 गणेश पाठक
बलिया।  अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के पूर्व प्राचार्य,शासन द्वारा नामित जिला गंगा समिति एवं जिला पर्यावरण समिति के सदस्य, गंगा समग्र के गोरक्ष प्रांत के शैक्षणिक संस्थान के संयोजक एवं जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के शैक्षणिक निदेशक पर्यावरणविद् डा० गणेश कुमार पा…
Image
लंका पर विजय के विश्वव्यापी संदेश
आज भी विश्व के शक्तिशाली देशों में साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाऐं रह-रह कर हिलोरे लेती रहती हैं। हर शक्तिशाली देश अपनी भौगोलिक सीमाओं को विस्तार देने के लिए आज भी प्रयासरत हैं। पश्चिमी दुनिया के विकसित देशों की गिद्ध दृष्टि तीसरी दुनिया के पिछड़े देशो की प्राकृतिक सम्पदा पर आज भी गड़ी रहती हैं। ऐस…
Image
जिन्दगी एक भोर है सूरज की तरह प्रकाश बिखेरते रहे!
(1) सूरज की तरह प्रकाश बिखेरते रहे :- होके मायूस ना यूँ शाम की तरह ढलते रहिए, जिन्दगी एक भोर है सूरज की तरह प्रकाश बिखेरते रहे। ठहरोगे एक पाँव पर तो थक जाओगे, धीरे-धीरे ही बेशक, सही राह पर चलते रहिए। कर्म करने से हार या जीत कुछ भी मिल सकती हैं, लेकिन कर्म न करने से केवल हार ही मिलती है। क्यों डरे…
Image
भारतीय समाजवाद के प्रखर राजनेता, प्रचारक तथा प्रवक्ता थे जय प्रकाश नारायण
11 अक्तूबर 1902 को सिताबदियरा में पैदा हुए लोकनायक जयप्रकाश ने अपना राजनीतिक जीवन गाँधीवादी असहयोगी और भगवत गीता के दर्शन के ईमानदार विद्यार्थी और अनुयायी के रूप में किया। हालांकि कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय अमेरिका  में अध्ययन के दौरान उनका सम्पर्क पूर्वी यूरोप के बुद्धिजीवियों से हुआ और उनके प्रभा…
Image