कोरोना से एक ही परिवार में 5 दिन में 3 लोगों की मौत, कोरोना केस में न करें लापरवाही


अहमदाबाद : पहले मां की मौत, फिर पापा तब भाई...कोरोना से 5 दिन में उजड़ गया परिवार


अहमदाबाद में बतौर पुलिस कॉन्स्टेबल काम करने वाले धवल रावल के परिवार में कोरोना ने मात्र 5 दिन में तीन जिंदगियां छीन ली है. धवल रावल खुद कोरोना वॉरियर्स हैं और अहमदाबाद में ड्यूटी कर रहे हैं. कोरोना की चोट ने इस परिवार को तोड़ कर रख दिया है.


कोरोना वायरस का संक्रमण किसी-किसी परिवार पर बेहद खतरनाक हो रहा है. स्थिति ऐसी आ पहुंची है कि कोई-कोई पूरा परिवार उजड़ने के कगार पर पहुंच गया है. 


अहमदाबाद में बतौर पुलिस कॉन्स्टेबल काम करने वाले धवल रावल के परिवार में कोरोना ने मात्र 5 दिन में तीन जिंदगियां छीन ली है. धवल रावल खुद कोरोना वॉरियर्स हैं और अहमदाबाद में ड्यूटी कर रहे हैं. कोरोना की चोट ने इस परिवार को तोड़ कर रख दिया है. 


बतौर पुलिस कॉन्स्टेबल काम करने धवल रावल ने पिछले महज पांच दिनों में अपने माता पिता और भाई की मौत का सामना किया है. पहले धवल रावत के माता-पिता कोरोना की चपेट में आए, इसके बाद इन लोगों को अहमदाबाद के ठक्करनगर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया था.  लेकिन यहां पर तबीयत ज़्यादा खराब होने पर उन्हें अहमदाबाद की सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया. जब की भाई को दूसरे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया था.


इस दौरान पुलिसकर्मी को अस्पतालों में इलाज के नाम पर लाखों रुपये का बिल भी अदा करना पड़ा बावजूद इसके परिवार के तीनों सदस्यों को नहीं बचाया जा सका.


पुलिस कॉन्स्टेबल धवल रावल की माता नयना रावल का पहले कोरोना से निधन हुआ फिर पिता अनिल रावल चल बसे और इसके बाद भाई चिराग रावल की कोरोना से मौत हो गई. 


मां नयना रावल की तबीयत ज़्यादा खराब होने की वजह से उन्हें वेंटिलेटर की ज़रूरत थी, इस वजह से उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन यहां पर भी नयना रावल की तबीयत में ज़्यादा बदलाव नहीं आया. इलाज के दौरान 17 नवंबर को नयना रावल की मौत हो गई. 


अभी मां के निधन के दुख से धवल रावल उबर भी नहीं पाए थे कि पिता की मौत की खबर आ गई. इसके बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया. लेकिन इस परिवार का संकट अभी टला नहीं था. 


इसके दो दिन के अंदर भाई के मौत की खबर आई. यानी पांच दिनों के अंदर इस परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई. धवल रावल के लिए ये सदमे जैसी स्थिति है. माता पिता को गंवाने वाले धवल को ये सपने में भी अंदाजा नहीं था कि उसका भाई भी उसे छोड़ चला जाएगा. 


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