विधुत विभाग का पुराना नियम बदला गया


बिजली मंत्रालय की तरफ से ग्राहकों के हित में ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। बता दें कि, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए पहली बार नियमों का मसौदा तैयार हुआ है। 


इसपर खुद बिजली मंत्रालय ने कहा कि, ग्राहकों के हित में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 का मसौदा जारी किया गया है।


इस संदर्भ में बुधवार को बिजली मंत्रालय ने अपना बयान जारी किया और कहा कि, इस पहल का मकसद ग्राहकों को बेहतर सेवाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उपभोक्ताओं की शिकायतों का सहज समाधान हो, इसके लिए मसौदा नियम में सब-डिवीजन से लेकर विभिन्न स्तरों पर शिकायत निवारण मंच के गठन का प्रस्ताव किया गया है।


बीते दिनों सरकार ने इसपर बयान दिया था कि, बिजली उपभोक्ताओं की वजह से ही पावर सेक्टर है। देश के नागरिकों को बिजली उपलब्ध कराने के बाद अब उनकी संतुष्टि पर फोकस करना  काफी महत्वपूर्ण है। जिसके चलते सेवाओं की गुणवत्ता को सुधारी जानी चाहिए। बिजली मंत्रालय के अनुसार नए मसौदे में ग्राहकों को भरोसेमंद सेवा देने के साथ बिजली कनेक्शन लेना आसान होगा। 


साथ ही इस नए नियम के अनुसार वितरण कंपनियों की तरफ से सेवा में देरी के लिए मुआवजा तथा शिकायतों के समाधान के लिए 24 घंटे का कॉल सेंटर जैसे प्रावधान किए गए हैं। इस मसौदे पर संबंधित पक्षों से 30 सितंबर तक सुझाव मांगे गए हैं। इस मसौदा के नियमों को देखे तो, 10 किलोवॉट लोड तक के लिए सिर्फ दो डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होगी। ग्राहक नकद, चेक, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान कर सकेंगे।


लेकिन 1000 रुपये या इससे ऊपर का बिल भुगतान सिर्फ ऑनलाइन ही होगा। नए बिजली कनेक्शन मेट्रो शहरों में 7 दिन में मिल जाएगा। जबकि दूसरी नगरपालिकाओं में 15 दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिनों में नया बिजली कनेक्शन उपलब्ध होगा। अगर किसी ग्राहक को बिल 60 दिन की देरी से मिलता है, तब उसे बिल पर 2-5% तक की छूट मिलेगी। सेवाओं में देरी होने पर कंपनियों पर लगाने वाला मुआवजा सीधे बिल के साथ जुड़कर आएगा। 


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