सदियों से सोए-खोए और हाशिए पर खड़े समाज को जगाया था डॉ भीम राव अंबेडकर ने
सामाजिक समरसता और समता मूलक समाज के प्रबल पक्षधर तथा कुप्रथाओं के कारण पीढी-दर-पीढी सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल चुकी बहुसंख्यक आबादी के सम्मान तथा स्वाभिमान के सच्चे लडाके डॉ भीम राव अंबेडकर ने सामाजिक न्याय को आधुनिक अर्थों में न केवल परिभाषित किया बल्कि सामाजिक न्याय के लिए जीवन पर्यन्त जीवटता स…