हल्दी वाला दूध पीने से दूर होता है गठिया का दर्द और सूजन, चेहरे पर आता है निखार


प्राकृतिक एंटीबायोटिक हल्दी का आयुर्वेद में अपना ही महत्व है। हल्दी में पाए जाने वाले एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण शरीर से कई रोगों को दूर करने में लाभदायक माने जाते हैं। हल्दी के पौधे से मिलने वाली गांठें ही नहीं बल्कि पत्ते भी बहुत लाभकारी होते हैं। वहीं दूध, कैल्शि‍यम का अच्छा स्त्रोत होने के साथ-साथ शरीर और दिमाग को तंदरुस्त रखने में मदद करता है। दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व विटामिन ए, के, बी 12, थाइमिन और निकोटिनिक एसिड, मिनरल जैसे- कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम और पोटेशियम हमारी हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होते है। हल्दी और दूध को मिलाकर पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।


हल्दी और दूध को साथ मिलाकर पीने से शरीर को होने वाले फायदे दोगुना हो जाते हैं और कई बीमारियों से बचाव आसान हो जाता है। यही कारण है कि ज्यादातर लोग ठंड के दिनों में हल्दी वाला दूध पीना पसंद करते हैं। रोज हल्दी वाला दूध पीने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलता, जिससे ऑस्टियोपोरेसिस के मरीजों को काफी राहत मिलती है। इतना ही नहीं यह संक्रमण पर रोक लगाने में भी मदद करता है। अगर आप हल्दी और दूध को मिलाकर पीने के फायदों से अनजान हैं तो हम आपको इससे होने चमत्कार के बारे में बताने जा रहे हैं।


हल्दी वाले दूध के फायदे रोजाना एक गिलास हल्दी वाला दूध पीने से त्वचा पर निखार आता है। इतना ही नहीं अगर आप हल्दी वाले दूध में रुई डुबोकर चेहरे पर लगाते हैं तो आपके चेहरे की त्वचा तो साफ होती है उसपर निखार भी आता है। रोजाना हल्दी वाला दूध पीने से चेहरा दमकने लगता है। आयुर्वेद के मुताबिक, हल्दी वाला दूध रक्त को साफ करने में लाभकारी है। इसके साथ ही ब्लड सर्कुलेशन को बनाए रखने में भी मदद करता है। हल्दी वाला दूध रक्त को पतला करने और लिम्फ तंत्र व रक्त वाहिकाओं की गंदगी को साफ करता है। 


हल्दी वाला दूध आपके शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है और आपके लिवर को भी दुरस्त रखता है। इतना ही नहीं ये पेट को साफ रखने में भी मदद करता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, हल्दी वाले दूध में मौजूद कैल्शियम और दूसरे पोषक तत्व शरीर में मौजूद फैट को कम करने में मदद करते हैं, जिससे वजन कम करने में भी मदद मिलती है। हल्दी वाला दूध महिलाओं व युवतियों के पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद करता है। प्रसव के बाद औरतों की जल्दी रिकवरी के लिए हल्दी वाला दूध रामबाण है। महिलाओं की डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क में भी सुधार होता है। 



आपने अक्सर सुना होगा कि चोट लगने या पैर, हाथ में सूजन आने पर लोगों को हल्दी वाला दूध पिलाया जाता है। इतना ही नहीं किसी कारणवश शरीर के बाहरी या अंदरूनी हिस्से में चोट लगने पर उसे जल्द से जल्द ठीक करने के लिए हल्दी वाला दूध बेहद लाभदायक है। हल्दी वाले दूध के एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते, जिसके कारण चोट जल्दी ठीक हो जाती है। एक अध्ययन के मुताबिक, हल्दी में पाए जाने वाले तत्व कैंसर कोशिकाओं से डीएनए को होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करते हैं और कीमोथेरेपी से होने वाले दुष्प्रभावों को कम करते हैं। हल्दी वाला दूध गठिया के निदान और रियूमेटॉइड गठिया के कारण सूजन के इलाज में प्रयोग किया जाता है। हल्दी वाले दूध से जोड़ो और मांसपेशियां लचीली बनती है, जिससे दर्द में कमी आती है।


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