बलिया। आज हम उस महान नेता को नमन कर रहे हैं, जिनका पूरा राजनीतिक जीवन सच्चाई की लड़ाई और निर्भीकता की मिसाल बना रहा। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी का नाम भारतीय राजनीति में उन गिने-चुने लोगों में लिया जाता है जिन्होंने सत्ता के लिए अपने सिद्धांत कभी नहीं छोड़े। उनके तल्ख तेवर ही उनकी असली पहचान थे—वही तेवर, जिनमें अन्याय के विरुद्ध गरज, अन्यायियों के सामने सीधी चुनौती और जन-भावनाओं के लिए अथक संघर्ष छुपा था।
चंद्रशेखर जी का राजनीतिक सफर एक साधारण कार्यकर्ता से शुरू होकर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचा, लेकिन उनकी सोच और शैली में कभी आडंबर नहीं आया। संसद हो या सड़क, वे साफ-साफ बोलने के आदी थे। उनकी वाणी में कभी झिझक नहीं रही—चाहे अपने दल के शीर्ष नेताओं से असहमति हो या विरोधी दल के बड़े नेताओं से, वे खुलकर अपनी बात रखते थे।
उनके तल्ख तेवरों की सबसे बड़ी ताकत थी सच्चाई के प्रति उनका अडिग समर्पण। आज जब राजनीति में सुविधाभोग और अवसरवाद हावी हो चुका है, तब चंद्रशेखर जी की निर्भीकता एक आदर्श की तरह सामने खड़ी नजर आती है। उन्होंने कई बार अपने ही दल की नीतियों का विरोध किया और सही को सही, गलत को गलत कहने का साहस दिखाया।
याद कीजिए, 1970 के दशक में इंदिरा गांधी जैसी ताकतवर नेता के खिलाफ जब विरोध की आवाजें कमजोर पड़ गई थीं, तब चंद्रशेखर जी ने ‘न्यूजमेकर्स’ के माध्यम से खुलकर विचार रखे। यही उनके असाधारण साहस का परिचायक था। 1983 में उन्होंने भारत यात्रा पर निकलकर आम जनता से सीधा संवाद कायम किया—यह काम भी वही कर सकते थे, जिनमें जमीनी सच्चाइयों को आंख में आंख डालकर देखने का हौसला हो।
प्रधानमंत्री बने, पर कभी सत्ता की मोह में जकड़े नहीं गए। जब उन्होंने महसूस किया कि उनके मूल विचारों से समझौता हो रहा है, उन्होंने पद छोड़ने में क्षण भर की देर नहीं की। आज उनकी पुण्यतिथि पर यह हमें याद दिलाता है कि पद प्रतिष्ठा से बड़ा कोई मूल्य है, तो वह स्वाभिमान और सच्चाई है।
उनके तल्ख तेवर कई बार लोगों को अप्रिय लगते थे, लेकिन वही तेवर भारतीय लोकतंत्र में स्वाभिमान की लौ जलाए रखने वाले थे। आज जब हम चंद्रशेखर जी को स्मरण करते हैं, तो उनके व्यक्तित्व से यह सीख लेनी होगी कि निडरता, सच्चाई और बेबाकी ही लोकतंत्र की असली ताकत हैं।
उनके विचार और उनके अदम्य साहस हम सबको प्रेरित करते रहेंगे।
श्रद्धांजलि।
पद्मदेव सिंह (पीडी सिंह) ✍️
चंद्रशेखर नगर, बलिया (उ.प्र.)
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