इस दुनिया का असली निर्माता, कर्म क्षेत्र और कर्मठ्ता का नायक मेहनतकश मजदूर ही हमारा मसीहा है


गहरे समुद्र में गोते लगाने वाली पनडुब्बी से लेकर अनंत अंतरिक्ष में सुपरसोनिक विमान बनाने वाला मेहनतकश मजदूर  एक दिन दुनिया का मालिक जरूर बनेगा। हमारे धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि-इस विशाल ब्रहमांड में पृथ्वी चान्द तारे ग्रह सब ईश्वर ने बनाया है इसलिए उसको इस ब्रह्माण्ड का मालिक कहा जाता हैं। इसकी तार्किक परिणति के अनुसार मेहनतकश मजदूर इस पृथ्वी का मालिक होना चाहिए। अपने खून को पसीने में ढाल कर इतिहास बनाने वाला एक दिन विवशताओं की सारी जंजीरों को तोड़ देगा। क्योकिं इस मजदूर को ही आता है अपने हुनर और हौसले से धरती की छाती चीर कर लोहा, कोयला, तांबा, एल्युमिनियम और हीरे जवाहरात निकालना और निकाल कर पीघलाना गलाना और हमारी जरूरतों और शौक के अनुसार साँचे में ढालना। जेल की लौह सलाखें, जंजीरे और हथकडियाॅ जिस लौहे से बनती उस लोहे को अपने फौलादी इरादों से यही दुनिया असली नायक निकालता है। दुर्भाग्य पूर्ण सच्चाई यह है कि जो अपनी मेहनत से दुनिया में सबकुछ बनाता है सजाता संवारता हैं सबके सपनों का महल बनाता है। परन्तु उसका न घर होता हैं न घाट होता और न तो धरती के किसी हिस्से पर उसकी हकदारी होती हैं। एक इस मेहनत कश के सपनों का घर और संसार जरूर बनेगा। जिसे सडक और संगमरमर के महल बनाना आता है वह एक दिन अपनी सरकार भी बनायेगा। इस उम्मीद के साथ मजदूर दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

इक दिन फल जरूर उगेगे रोटी के पेड़ में 

इंकबाली जिस दिन खेत का मजदूर हो गया।


मनोज कुमार सिंह प्रवक्ता



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