चौधरी चरण सिंह : किसान, ग्रामीण भारत और सामाजिक न्याय की बुलंद आवाज

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती देश को उस महान नेता की याद दिलाती है, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन किसान, ग्रामीण समाज और शोषित वर्गों के अधिकारों के लिए समर्पित कर दिया। वे केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति में ईमानदारी, सादगी और सिद्धांतों की मिसाल थे। चौधरी चरण सिंह का नाम आते ही किसान हित, भूमि सुधार और ग्रामीण भारत के उत्थान का चित्र स्वतः सामने आ जाता है। 

23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के नूरपुर गांव में जन्मे चौधरी चरण सिंह बचपन से ही ग्रामीण जीवन की कठिनाइयों से परिचित थे। यही कारण था कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन का केंद्र बिंदु किसान और गांव को बनाया। वे मानते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है और जब तक गांव मजबूत नहीं होंगे, तब तक देश सशक्त नहीं बन सकता।

चौधरी चरण सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय भूमिका निभाई और आजादी के बाद उत्तर प्रदेश तथा केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए जनहितकारी नीतियों को लागू कराया। उन्होंने जमींदारी उन्मूलन, भूमि सुधार, किसानों को भूमि का अधिकार, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए ऐतिहासिक कार्य किए। उनके प्रयासों से लाखों किसानों को जमीन का मालिकाना हक मिला और ग्रामीण समाज में सामाजिक न्याय की नींव पड़ी।

28 जुलाई 1979 को वे भारत के प्रधानमंत्री बने। यद्यपि उनका कार्यकाल अल्पकालिक रहा, लेकिन उनकी नीतियों और विचारों का प्रभाव दीर्घकाल तक देश की राजनीति और कृषि व्यवस्था पर पड़ा। वे सदैव कृषि को उद्योग से अधिक प्राथमिकता देते थे और मानते थे कि किसान की उपेक्षा कर देश की प्रगति संभव नहीं है। उनका स्पष्ट कहना था कि किसान मजबूत होगा, तभी राष्ट्र आत्मनिर्भर बनेगा।

चौधरी चरण सिंह की राजनीति सत्ता के लिए नहीं, बल्कि सेवा के लिए थी। वे सादा जीवन, उच्च विचार में विश्वास रखते थे। उन्होंने भ्रष्टाचार, दिखावे और अवसरवाद की राजनीति का खुलकर विरोध किया। यही कारण है कि आज भी उन्हें “किसानों का मसीहा” कहा जाता है। उनका जीवन नई पीढ़ी के लिए ईमानदारी, संघर्ष और सिद्धांतों पर अडिग रहने की प्रेरणा है।

उनकी जयंती पर राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाना इस बात का प्रमाण है कि देश आज भी उनके योगदान को सम्मान और कृतज्ञता के साथ स्मरण करता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि किसानों की समस्याओं का समाधान, ग्रामीण विकास और सामाजिक समानता ही सच्ची राष्ट्रसेवा है।

चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन करते हुए हमें संकल्प लेना चाहिए कि उनके सपनों का भारत बनाएंगे—जहां किसान सम्मानित हो, गांव समृद्ध हों और समाज में समानता व न्याय की भावना मजबूत हो। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।



पंडित विजेंद्र कुमार शर्मा ✍️ 

जीरा बस्ती, बलिया (उ.प्र.) 



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