श्री गुरु गोविंद सिंह जी का गुरु गद्दी दिवस सिख इतिहास का एक अत्यंत पवित्र और प्रेरणादायी दिन है। यह दिवस न केवल सिख पंथ के दसवें गुरु के आध्यात्मिक नेतृत्व की याद दिलाता है, बल्कि उस अमर प्रकाश का भी प्रतीक है, जिसने साहस, त्याग, धर्म-रक्षा और मानव सेवा की अद्भुत मिसाल कायम की। गुरु गोविंद सिंह जी ने जिस दिन गुरु गद्दी संभाली, उसी दिन से सिख धर्म में नेतृत्व, शौर्य और आध्यात्मिक उत्थान का नया अध्याय आरंभ हुआ।
यह दिवस गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु तेग बहादुर साहिब तक की दिव्य परंपरा के सातत्य का प्रतीक है। गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने नेतृत्व में न केवल मानवता की रक्षा के लिए लड़ाइयाँ लड़ीं, बल्कि समाज को संगठित, जागरूक और कर्तव्यनिष्ठ बनाने के लिए खालसा पंथ की स्थापना जैसी क्रांतिकारी पहल की। उनका जीवन दर्शाता है कि धर्म केवल पूजा-विधियों का नाम नहीं, बल्कि सत्य, न्याय और मानवता की रक्षा के लिए निर्भय होकर खड़े रहना ही सच्ची आध्यात्मिकता है।
गुरु गद्दी दिवस का महत्व इस बात में भी निहित है कि गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने जीवनकाल में शस्त्र और शास्त्र दोनों को समान रूप से महत्व दिया। उन्होंने सिख समुदाय को यह संदेश दिया कि धर्म पालन के लिए भीतर की शक्ति, बाहरी साहस और दृढ़ संकल्प अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधर्म और अत्याचार के विरुद्ध लड़ने की प्रेरणा देते हुए समाज को शौर्य और त्याग की राह दिखाई।
इस विशेष दिवस पर गुरुद्वारों में कीर्तन, अरदास, सेवा और लंगर के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालु गुरु गोविंद सिंह जी के उपदेशों को स्मरण करते हुए उनके दिखाए सत्य, साहस और निस्वार्थ सेवा के मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।
गुरु गोविंद सिंह जी का गुरु गद्दी दिवस हमें यह भी सिखाता है कि एक सच्चा नेता वही है जो अपने अनुयायियों को ज्ञान, शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करता है। उनके जीवन से हमें धर्म-सुरक्षा, सत्य-के पक्ष में दृढ़ता, समाज में समानता और सभी के प्रति करुणा जैसे मूल्य सीखने को मिलते हैं।
गुरु गद्दी दिवस पर हम सभी को गुरु साहिब के प्रेरणादायी जीवन को स्मरण करना चाहिए और उनके उपदेशों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए, ताकि समाज में शांति, भाईचारा, न्याय और मानवता की भावना को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।
श्री गुरु गोविंद सिंह जी का गुरु गद्दी दिवस—वीरता, अध्यात्म और मानवता का अनुपम संगम।
परमजीत कौर ✍️
अयोध्या धाम (उ.प्र.)


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