लोकनायक, धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव : समाजवादी विचारधारा और जनसेवा के अमर प्रतीक


भारतीय राजनीति के इतिहास में मुलायम सिंह यादव एक ऐसे जननायक के रूप में स्थापित हैं, जिनका संपूर्ण जीवन संघर्ष, सादगी, समाजवाद और जनसेवा के लिए समर्पित रहा। 22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले के एक साधारण किसान परिवार में जन्मे मुलायम सिंह यादव बचपन से ही सामाजिक मुद्दों को समझने और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जाने जाते थे। समाजवादी आंदोलन से प्रेरित होकर उन्होंने डॉ. राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों को जीवन में अपनाया और गरीब, किसान, मजदूर तथा पिछड़े वर्गों के हक के लिए संघर्षरत रहे।

मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर 1960 के दशक में शुरू हुआ और 1967 में पहली बार विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। गांव-गांव जाकर लोगों से सीधा संवाद, उनकी समस्याओं को समझना और समाधान के लिए संघर्ष करना उनकी राजनीति की सबसे बड़ी ताकत थी। तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का गौरव उन्हें मिला, जिसके दौरान सामाजिक न्याय, शिक्षा, गरीब व कमजोर वर्गों के उत्थान और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया गया। उनकी नीतियों ने प्रदेश के पिछड़े तबकों को मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राष्ट्रीय राजनीति में भी मुलायम सिंह यादव का प्रभाव अत्यंत मजबूत रहा। वे भारत के रक्षामंत्री बने और अपने कार्यकाल में उन्होंने दृढ़ता, सरलता और निर्णायक क्षमता का परिचय दिया। देश की सुरक्षा, सेना के सशक्तिकरण और सैनिकों के हितों पर विशेष ध्यान देते हुए उन्होंने ऐतिहासिक निर्णय लिए।

धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव का व्यक्तित्व उनकी सादगी और मिलनसार स्वभाव से परिभाषित होता है। ऊंचे पदों पर रहने के बावजूद वे जमीन से जुड़े रहे। वे कहा करते थे— “नेता वही है जो जनता के दुख-सुख में हमेशा साथ खड़ा रहे।” अपने जीवन भर उन्होंने इसी सिद्धांत का पालन किया।

मुलायम सिंह यादव समाजवादी विचारधारा के सबसे सशक्त स्तंभों में से एक थे। उन्होंने हमेशा किसानों, मजदूरों, गरीबों और वंचित समुदायों की आवाज को बुलंद किया और भारतीय राजनीति में सामाजिक समरसता व समानता की धारा को मजबूत किया।

उनकी जयंती हमें यह संदेश देती है कि राजनीति केवल सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाने का पवित्र कार्य है। उनका जीवन इस बात का प्रेरक उदाहरण है कि साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर भी दृढ़ इच्छाशक्ति, मेहनत और आदर्शों के बल पर महान ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है।

धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव का संघर्ष, उनकी नीतियां और उनका समाजवादी दर्शन भारतीय लोकतंत्र में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज रहेगा। उनकी जयंती पर हम उनके जीवन-मूल्यों को स्मरण करते हुए समाज, राष्ट्र और कमजोर वर्गों की बेहतरी के लिए उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लेते हैं।

परिवर्तन चक्र समाचार सेवा ✍️



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