20 नवंबर 2025 को पटना के गांधी मैदान में बिहार की राजनीति का एक ऐतिहासिक दिन था। इस दिन नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड दसवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। यह न सिर्फ उनके राजनीतिक कौशल की कहानी है, बल्कि राज्य की नई राजनीतिक संरचना और भविष्य की राह का संकेत भी है।
शपथ ग्रहण समारोह और प्रमुख घटनाएँ
- समारोह की शुरुआत राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान ने शपथ ग्रहण के लिए की थी, जिन्होंने नीतीश कुमार को “कार्य एवं गोपनीयता” की शपथ दिलाई।
- इस समारोह में राष्ट्रीय और राज्य के कई बड़े नेता मौजूद थे। खासकर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, और अन्य केंद्रीय नेताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
- कई NDA से जुड़े अन्य मुख्यमंत्री भी आए — जैसे उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, आंध्र प्रदेश के एन. चंद्रबाबू नायडू, असम के हिमंता बिस्वा सरमा, नागालैंड के नेइफिउ रियो, उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी आदि।
कौन-कौन ने शपथ ली: मुख्यमंत्री के साथ मंत्रीमंडल
इस शपथ ग्रहण समारोह में कुल 26 मंत्री शपथ लेने के लिए आगे आए, जिनमें से विभिन्न दलों के प्रतिनिधि शामिल थे:
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मुख्यमंत्री : नीतीश कुमार (जदयू)
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उपमुख्यमंत्री :
- सम्राट चौधरी (BJP)
- विजय कुमार सिन्हा (BJP)
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मंत्रियों की सूची (मुख्य नाम और दल) :
- जदयू से : विजय कुमार चौधरी, बिंदेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेशी सिंह, मदन साहनी, सुनील कुमार, मोहम्मद ज़ामा खान
- बीजेपी से : दिलीप जैनसवाल, मंगल पांडेय, नितिन नाबिन, राम कृपाल यादव, संजय सिंह टाइगर, अरुण शंकर प्रसाद, सुरेंद्र मेहता, नारायण प्रसाद, रमा निशाद, लखनेंद्र कुमार रौशन, श्रेयसी सिंह, प्रमोद कुमार, अन्य कई नेता
- LJP (राम विलास) से : (जिनके नाम और संख्या स्थानीय रिपोर्टों में दर्शाए गए हैं)
- HAM (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) से : संतोष कुमार सुमन
- RLM (राष्ट्र लोक मोर्चा) से : दीपक प्रकाश
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शपथ लेने वाले मंत्रियों में तीन महिलाएँ थीं : श्रेयसी सिंह (BJP), रमा निशाद (BJP), लेशी सिंह (जदयू)।
राजनीतिक मायने और विश्लेषण
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नीतीश कुमार की राजनीतिक ताकत
- यह उनकी दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने की उपलब्धि है, जो उनकी लंबे समय तक राजनीतिक विशेषज्ञता और गठबंधन निर्माण की शक्ति को दर्शाता है।
- “सुशासन बाबू” के रूप में उनकी छवि, जिसे उन्होंने वर्षों में बनाई है, इस जीत में एक बड़ा योगदान है।
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एनडीए की व्यापक सत्ता
- पिछली चुनाव में NDA ने 243 में से 202 सीटें जीत कर बहुत मजबूत बहुमत हासिल किया था।
- नए मंत्रिमंडल में NDA के सभी घटक-पक्षों का समावेश है — जिससे यह स्पष्ट होता है कि गठबंधन ने सत्ता साझाकरण में संतुलन बनाए रखा है।
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उप मुख्यमंत्री का महत्व और OBC प्रतिनिधित्व
- सम्राट चौधरी जैसे OBC चेहरे को उपमुख्यमंत्री बनाए रखने का निर्णय राजनीति में जातिगत संतुलन और नेतृत्व संरचना का संकेत है।
- विजय कुमार सिन्हा की उपस्थिति भी BJP में उनकी जिम्मेदारी और वरिष्ठता को दर्शाती है।
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लिंग समावेश
- मंत्रिमंडल में तीन महिलाएँ हैं, जो राज्य की राजनीति में लिंग विविधता की ओर बढ़ता एक संकेत है। हालांकि, यह संख्या सीमित है और महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने की ज़रूरत को भी रेखांकित करती है।
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आईडॉलॉजिकल विविधता
- मंत्रिमंडल में जदयू, बीजेपी के अलावा HAM और RLM जैसे छोटे पार्टियों का भी प्रतिनिधित्व है। यह दिखाता है कि NDA में सिर्फ उसकी बड़ी पार्टियों का ही नहीं, बल्कि गठबंधन सूत्रों की विविधता का भी ख्याल रखा गया है।
- इससे नए सरकार की व्यापक ज़मीन और गठबंधन की समन्वय क्षमता का भी परिचय मिलता है।
चुनौतियाँ और आगे का रास्ता
- उम्मीदों की ऊँचाइयाँ : ऐसे में जब NDA ने भारी बहुमत के साथ सत्ता जीती है, जनता की उम्मीदें बड़ी होंगी—खासकर विकास, रोजगार, बुनियादी सुविधाओं और सुशासन को लेकर।
- गठबंधन संतुलन : मंत्रिमंडल में विभिन्न साथी पार्टियों का संतुलन बनाए रखना एक चुनौती हो सकती है। किसी भी गलती से पार्टियों के बीच खटास बढ़ सकती है।
- विकास और सामाजिक न्याय : बिहार में विकास की मांग के साथ-साथ सामाजिक न्याय के मुद्दों (जात-बिरादरी, महिलाओं की भागीदारी, पिछड़े वर्ग) पर भी सरकार को ध्यान देना होगा।
- विरोध और निगरानी : विपक्ष (महागठबंधन या अन्य दल) इस सरकार पर लगातार निगरानी रखेगा। उनकी नीतियों की प्रभावशीलता और जवाबदेही जनता और विपक्ष दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगी।
20 नवंबर 2025 का दिन बिहार के लिए सिर्फ एक राजनैतिक समारोह नहीं था, बल्कि एक नए अध्याय की शुरुआत भी है। नीतीश कुमार का दसवाँ कार्यकाल और उसका विस्तारशील NDA मंत्रिमंडल यह संकेत देता है कि गठबंधन सत्ता में आत्मविश्वास के साथ लौटा है। पर सफलता की असली कसौटी अब इंतजार कर रही है—जनता की उम्मीदों को कैसे पूरा किया जाए, विकास और सुशासन को कैसे संतुलन में रखा जाए, और बिहार की विविधता को कैसे सार्थक राजनीति में बदला जाए।
परिवर्तन चक्र समाचार सेवा ✍️



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