बलिया। नगरा थाना क्षेत्र के चर्चित प्रकरण में उच्च न्यायालय द्वारा वादी की फौजदारी निगरानी याचिका स्वीकार किए जाने पर वादी के अधिवक्ता डॉ. निर्भय नारायण सिंह ने कहा कि यह निर्णय पीड़ित को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि उनके मुवक्किल देवनारायन प्रजापति के साथ तत्कालीन थाना प्रभारी अतुल कुमार मिश्रा सहित कई पुलिसकर्मियों ने थाने में बुलाकर मारपीट की, जातिगत अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया और अवैध रूप से हिरासत में रखा।
डॉ. सिंह ने कहा कि, “हमने निचली अदालत द्वारा शिकायत खारिज किए जाने के आदेश को न्यायालय में चुनौती दी थी। अदालत ने हमारे तर्कों को गंभीरता से सुना और घटना की प्रकृति को देखते हुए निचली अदालत का आदेश अपास्त करते हुए फौजदारी निगरानी स्वीकार कर ली। यह पीड़ित व्यक्ति के सम्मान व अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय है।”
उन्होंने आगे कहा कि अदालत ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए तत्कालीन थाना प्रभारी अतुल कुमार मिश्रा सहित नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
डॉ. निर्भय नारायण सिंह ने कहा कि, “यह निर्णय साबित करता है कि कानून के सामने सभी बराबर हैं। किसी भी परिस्थिति में पुलिसिया दबंगई, अत्याचार और जातिगत अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। न्यायालय ने पीड़ित की पीड़ा को समझा और सच्चाई की जीत हुई।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे की कानूनी कार्रवाई में भी पीड़ित को पूरा न्याय मिलेगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।


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