आज की दुनिया में हेल्थ इंश्योरेंस एक आवश्यक फाइनेंशियल टूल बन गया है. कोविड-19 महामारी के बाद, संक्रमण और इससे जुड़ी बीमारियों में वृद्धि हुई है, जिससे लोगों के बीच हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ी है. हम इसका महत्व समझते हैं और यह भी जानते हैं कि इसे कहां से खरीदना है, लेकिन इसकी कीमत कैसे निर्धारित की जाती है? मूल रूप से, यह व्यक्ति के स्वास्थ्य और खुशहाली पर निर्भर करता है. इस आर्टिकल में, हम आपको समझाएंगे कि प्रीमियम की गणना कैसे की जाती है और साथ ही यह भी बताएंगे कि अपने स्वास्थ्य को अच्छा रख कर आप इसे कैसे कम कर सकते हैं.
आइए प्रीमियम निर्धारित करने वाले कुछ महत्वपूर्ण कारकों पर चर्चा करते हैं : -
इंश्योर्ड व्यक्ति की आयु : यह आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम निर्धारित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है. युवाओं के लिए प्रीमियम आमतौर पर कम होते हैं, क्योंकि उनके बीमार होने की संभावना कम होती है और उनकी सेहत उम्रदराज व्यक्तियों के मुकाबले बेहतर होती है. उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति की बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है और उन्हें डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे लाइफस्टाइल से जुड़े रोग हो सकते हैं. इस वजह से, उम्रदराज़ लोगों का प्रीमियम अधिक होता है. इसलिए, हमारा सुझाव है कि युवावस्था में ही हेल्थ इंश्योरेंस शुरू कर देना चाहिए.
सम इंश्योर्ड और कवरेज : एक और ध्यान देने योग्य आवश्यक कारक यह है कि आपको कितने सम इंश्योर्ड की पॉलिसी चाहिए. सम इंश्योर्ड वह राशि होती है जो आपको कवरेज के रूप में चाहिए. हमारा सुझाव है कि आप पर्याप्त सम इंश्योर्ड राशि चुनें, ताकि अगर आपको हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़े, तो आपके सभी खर्चों का भुगतान हो पाए.
इसके साथ ही, पॉलिसी में मिलने वाली कवरेज पर भी ध्यान दें, जिसमें मेडिकल ट्रीटमेंट, सर्विसेज़ और आपको मिलने वाली सुविधाएं शामिल होती हैं. इनमें एडवांस्ड मेडिकल सर्जरी, कमरे का किराया, कंज़्यूमेबल्स, वेलनेस लाभ और मैटरनिटी कवरेज शामिल हो सकते हैं. यह आवश्यक है कि आपका सम इंश्योर्ड उतना हो जितनी कवरेज की आपको ज़रूरत है, क्योंकि एडवांस मेडिकल ट्रीटमेंट काफी महंगे हो सकते हैं. जैसे-जैसे कवरेज की व्यापकता बढ़ जाती है, प्रीमियम भी बढ़ सकता है.
इंश्योरेंस की अवधि : आमतौर पर, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत इंश्योर्ड व्यक्ति और इंश्योरेंस कंपनी के बीच एक साल का कॉन्ट्रैक्ट होता है. हालांकि, 3 या 5 वर्ष की लंबी अवधि के लिए भी इंश्योरेंस लिया जा सकता है. हमारा सुझाव है कि आप लंबी अवधि के लिए इंश्योरेंस कवरेज प्राप्त करें, क्योंकि लंबी अवधि तक जुड़े रहने के लिए इंश्योरेंस कंपनियां आपको डिस्काउंट प्रदान करती हैं.
पहले से मौजूद या लाइफस्टाइल संबंधी बीमारियां : जिन लोगों को डायबिटीज़, हाई कोलेस्ट्रॉल या हाई ब्लड प्रेशर जैसी पहले से मौजूद बीमारियां हैं, उनका प्रीमियम सामान्य स्वास्थ्य स्थितियों की तुलना में थोड़ा अधिक हो सकता है. अगर आपके परिवार के इतिहास में किसी पहले से मौजूद बीमारी की आनुवंशिक प्रवृत्ति दिखाई देती है, तो कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेना महत्वपूर्ण होता है. यह तरीका आपको उस समय पॉलिसी प्राप्त करने का लाभ देता है जब आप स्वस्थ होते हैं और अगर भविष्य में कोई बीमारी हो भी जाती है, तो पॉलिसी की "प्रतीक्षा अवधि" की शर्त तब तक पूरी हो चुकी होती है. इसके अलावा, जिन लोगों को पहले से मौजूद कोई बीमारी है उनके लिए विशिष्ट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी डिज़ाइन की गई हैं.
इंडिविजुअल या फैमिली फ्लोटर : इंडिविजुअल पॉलिसी एक ही व्यक्ति को कवर करती है, जबकि फैमिली फ्लोटर पॉलिसी एक पॉलिसी के तहत कई सदस्यों को कवर करती है. फैमिली फ्लोटर पॉलिसी में, सम इंश्योर्ड परिवार के सभी सदस्यों के बीच शेयर किया जाता है, जिसका मतलब है कि परिवार के कोई भी या सभी सदस्य सम इंश्योर्ड की लिमिट तक मेडिकल ट्रीटमेंट का लाभ उठा सकते हैं. इसलिए फैमिली फ्लोटर पॉलिसी का प्रीमियम अधिक होता है. हालांकि, ये पॉलिसी कुल मिलाकर किफायती हो सकती हैं, क्योंकि ये एक ही सम इंश्योर्ड के तहत पूरे परिवार को कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज प्रदान करती हैं, जो कई सदस्यों के लिए हेल्थकेयर के फाइनेंशियल जोखिमों को मैनेज करने में लाभदायक हो सकती है.
भौगोलिक क्षेत्र : इंश्योर्ड व्यक्ति के आवास का स्थान भी एक महत्वपूर्ण कारक है, क्योंकि अलग-अलग क्षेत्रों में मेडिकल सुविधाएं और कीमतें अलग-अलग होती हैं. मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे मेट्रो और कॉस्मोपॉलिटन क्षेत्रों में मेडिकल खर्चे छोटे शहरों, इलाकों और कस्बों की तुलना में अधिक होते हैं. इसी प्रकार, प्रीमियम की लागत भी अलग-अलग हो सकती है.
अब, आइए चर्चा करें कि हम प्रीमियम को कम करने के लिए क्या कर सकते हैं :-
स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना : यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं. दौड़ने, कोई खेल खेलने या जिम जाने जैसी शारीरिक गतिविधियों में शामिल होना और इसके साथ ही संतुलित आहार लेना अत्यंत आवश्यक होता है. इन गतिविधियों से न केवल आपको अच्छा महसूस होता है, बल्कि ये आपको एक सक्रिय और ऊर्जावान जीवन जीने में भी मदद करती हैं. इसके अलावा, यदि आप यह घोषणा करते हैं कि आप एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं, तो आपको अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में छूट मिलने की संभावना हो सकती है. यह लोगों को अपनी सेहत को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करता है और साथ ही इससे उन्हें इंश्योरेंस की कीमत कम होने का लाभ भी मिलता है.
को-पेमेंट : को-पेमेंट का अर्थ है कि इंश्योर्ड व्यक्ति प्रत्येक मेडिकल क्लेम की राशि का एक निर्धारित प्रतिशत स्वयं भुगतान करने के लिए सहमत होता है. यह प्रतिशत 10% से 50% तक हो सकता है. उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति को हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाता है और मेडिकल बिल ₹50,000 आता है और इंश्योर्ड व्यक्ति ने 10% को-पे विकल्प चुना है, तो उस खर्च में से ₹5,000 इंश्योर्ड व्यक्ति को स्वयं चुकाने होंगे. यह व्यवस्था आपकी प्रीमियम लागत को काफी कम कर सकती है, क्योंकि फाइनेंशियल ज़िम्मेदारी शेयर करने से इंश्योरर के जोखिम को कम करता है.
पिछले क्लेम : अगर आप स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखते हैं और पॉलिसी अवधि के दौरान हॉस्पिटल में भर्ती नहीं होते हैं, तो आप संचयी बोनस के लिए पात्र होते हैं. इस बोनस से आपके सम इंश्योर्ड में बढ़ोतरी हो सकती है और इसके लिए प्रीमियम में बहुत कम या कोई बढ़ोतरी नहीं होती, साथ में कुछ और फायदे भी मिल सकते हैं.
अपनी कवरेज से जुड़े सही फैसले लेने के लिए यह समझना बहुत ज़रूरी है कि हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम कैसे तय किए जाते हैं. यह जानकारी आपको चुकाए जाने वाले प्रीमियम और उन्हें प्रभावित करने वाले कारकों को बेहतर समझने में मदद करती है. अपने हेल्थ इंश्योरेंस के लिए एक भरोसेमंद इंश्योरेंस कंपनी चुनना भी बहुत आवश्यक है. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय उच्च क्लेम सेटलमेंट रेशियो, बेहतरीन सर्विस और मज़बूत फाइनेंशियल स्थिति वाली कंपनियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. सूचित और सक्रिय रहकर, आप एक ऐसी पॉलिसी प्राप्त कर सकते हैं जो अपने फाइनेंशियल स्थिति को बेहतर बनाने और मन की शांति सुनिश्चित करने के साथ-साथ अपनी ज़रूरतों को पूरा करती है.
भास्कर नेरुरकर ✍️
हेड–हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन टीम, बजाज जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड (पूर्व नाम बजाज आलियांज़ जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड)
0 Comments