लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पुराने वाहनों को लेकर योगी सरकार ने नए नियम लागू कर दिए हैं। ताज़ा आदेश के बाद अब वाहन मालिकों को फिटनेस, नवीनीकरण और प्रदूषण नियंत्रण संबंधी औपचारिकताओं पर पहले की तुलना में अधिक खर्च करना होगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि सड़क सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण और वाहनों की तकनीकी क्षमता सुधारने के उद्देश्य से ये नियम आवश्यक हैं।
नए प्रावधानों के तहत 15 वर्ष से अधिक पुराने निजी वाहनों और 10 वर्ष से अधिक पुराने डीज़ल वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र की प्रक्रिया कठोर कर दी गई है। इसके लिए अब विस्तृत मैकेनिकल निरीक्षण, उत्सर्जन स्तर की सख्त जांच और निर्धारित शुल्क में बढ़ोतरी अनिवार्य होगी। वाणिज्यिक वाहनों के लिए भी नियमों को और मजबूत किया गया है ताकि सड़क पर चलने वाले हर वाहन की तकनीकी स्थिति सुरक्षित रहे।
सरकार का कहना है कि बदले हुए नियमों के कारण वाहन मालिकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ आएगा, लेकिन इससे सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा और वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी। परिवहन विभाग ने जिले-जिले में निर्देश जारी करते हुए नई व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।


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