बलिया, 14 सितम्बर 2025। जिले में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष, बलिया से मिली जानकारी के अनुसार गंगा और सरयू (घाघरा) नदियों का जलस्तर लगातार खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है। कुछ स्थानों पर बढ़ाव की प्रवृत्ति बनी हुई है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।
गंगा नदी का जलस्तर बक्सर पर 60.24 मीटर और गायघाट पर 59.34 मीटर दर्ज किया गया है। जबकि सरयू नदी का जलस्तर डीएसपी हेड पर 63.75 मीटर, चाँदपुर पर 58.42 मीटर और माँझी पर 55.75 मीटर दर्ज हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार इन सभी स्थानों पर जलस्तर में बढ़ाव की प्रवृत्ति देखी जा रही है।
सबसे चिंताजनक स्थिति टोस नदी की है, जिसका जलस्तर पिपरा घाट पर 60.60 मीटर तक पहुंच गया है और यह खतरे के बिन्दु से ऊपर बह रही है।
हालांकि पिछले 24 घंटे में जिले में कोई बड़ी वर्षा दर्ज नहीं की गई है, लेकिन नेपाल क्षेत्र और अपस्ट्रीम इलाकों में हुई बारिश का असर अब बलिया की नदियों पर साफ दिखाई दे रहा है।
निचले इलाकों और नदी किनारे बसे गांवों (चाँदपुर, माँझी, पिपरा क्षेत्र सहित गंगा व घाघरा के तटीय गांवों) में बाढ़ का पानी घुसने की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन ने पहले से ही चौकसी बढ़ा दी है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारी लगातार नदियों के जलस्तर की निगरानी कर रहे हैं।
जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की है। राजस्व विभाग व पुलिस टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत राहत व बचाव कार्य शुरू किया जा सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बाढ़ के खतरे से चिंतित हैं। खेतों में खड़ी धान की फसल और घर-आँगन तक पानी पहुँचने की संभावना ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वहीं बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारियाँ भी शुरू कर दी गई हैं।
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