राहे जुदा जुदा है तो कुछ गम न कीजिये !!
हम आलम-ए-ख्याल में हैं बस आप ही के साथ..!!
हमारे दरमियान फासले बहुत है !!
मंजिल साथ ही पहुँचना हैं !!
गलतफहमी की गुंजाइश नही !!
सच्ची मोहब्बत में !!
जहाँ किरदार हल्का हो !!
वहाँ प्रेम कहानियां डुब जाया करती हैं !!
तुम आओ और कभी दस्तक तो दो इस पर !!
मोहब्बत उम्मीद से कम हो तो सजाये मौत दे देना !!
मील सके आसानी से उसकी ख्वाहिश किसे हैं !!
जिद तो उसकी हैं !!
जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं !!
टपक पड़ते है आँसू जब किसी की याद आती है !!
ये वो बरसात है जिसका कोई मौसम नहीं होता !!
बस इतना असर जरुर होगा हमारी यादों का !!
की कभी कभी तुम बिना बात के मुस्कुराओगे !!
अगर छोड़ दूँ कलम तो तेरी यादें दफन हो जायेगी !!
और छोड़ दूँ तेरी यादों को तो मैं दफन हो जाऊँगी !!
तेरे यादों में खोये रहना ही अब कुबुल हैं !!
तेरी यादें तुझसा वेवफा तो नहीं !!
इतना तो हक दे देना की जब भी मै याद करु !!
तुझे मेरी याद ना सही हिचकियां जरूर आयेगी !!
तेरे दिल में एक पल के लिए भी जब मेरा ख्याल आता हैं !!
मेरी आँखे फड़कने लगती है !!
खुशी से खिल जात हैं चेहरा मेरा !!
आखिर आज उसने भी याद किया !!
मीना सिंह राठौर ✍️
नोएडा, उत्तर प्रदेश।
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