पायरिया क्या होता है? दातों को कैसे करता है प्रभावित, जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार


ओरल हाइजीन एक बहुत ही अहम विषय है और इसी की अनदेखी करने से मुंह से संबंधित कई बीमारियां हो सकती है. इन्हीं में से एक बीमारी है पायरिया. शरीर में कैल्शियम की कमी भी पायरिया होने की एक मुख्य वजह है. 

अच्छी हेल्थ और बॉडी फिटनेस के लिए लोग वर्कआउट, डाइटिंग और कई तरीके अपनाते हैं, लेकिन दांतों की सेहत की ओर लोग बहुत कम ही ध्यान देते हैं. जबकि चमकदार और सेहतमंद दांत न केवल आपकी खूबसूरती में चार चांद लगाते है, बल्कि दांतों के हेल्दी और मजबूत होने का आपके स्वास्थ्य से भी सीधा संबंध है. खाने पीने के बाद मुंह की साफ-सफाई में लापरवाही बरतना आम बात है, लेकिन यही लापरवाही कई रोगों की वजह बन सकती है. इन्हीं ओरल डिसीज में से एक हैं पायरिया. ये एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण रोगी बहुत ही परेशान हो जाता है. दांतों और मसूड़ों में दर्द और मुंह से दुर्गंध के कारण उसके लिए रोजमर्रा के काम करना भी मुश्किल हो जाता है. आइये जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से...

क्या होता है पायरिया? :

ओरल हाइजीन एक बहुत ही अहम विषय है और इसी की अनदेखी करने से मुंह से संबंधित कई बीमारियां हो सकती है. इन्हीं में से एक बीमारी है पायरिया. शरीर में कैल्शियम की कमी भी पायरिया होने की एक मुख्य वजह है. डॉक्टर्स के मुताबिक दांतों में बैक्टीरिया की कई सारी प्रजातियां होती हैं. ठीक ढंग से साफ-सफाई नहीं करने के चलते ये बैक्टीरिया धीमे-धीमे दांतों के आसपास जमना शुरू हो जाते है. हम जो खाना खाते है, उनसे इन बैक्टीरिया को पोषण मिलता है और ये बैक्टीरिया हमारे मसूड़ों और जबड़ों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं. इसके बाद धीरे-धीरे हड्डियां गलने लगती हैं और दांतों में सड़न होने लगती है. इसे ही पायरिया कहा जाता है.

पायरिया के कारण :

मुंह की साफ-सफाई और ब्रश ठीक ढंग से नहीं करने के चलते मुंह में बैक्टीरिया मल्टीप्लाई होते है और डेंटल प्लाक बनाते हैं. समय बीतने के साथ साथ प्लाक के अंदर मिनरल्स जमते जाते है, इसके बाद दांतों की जड़ व मसूड़ों के बीच एक गैप बन जाता है और मुंह से बदबू आना शुरू हो जाती है. बस यही पायरिया की शुरुआत है. अगर सही वक्त पर ध्यान न दिया तो मसूड़ों से खून आना और पस जैसी समस्या भी हो सकती है. कई बार ये बीमारी शरीर में कैल्शियम की कमी, लीवर के कमजोर होने, गुटखा या बीड़ी सिगरेट पीने के कारण भी होती है.

पायरिया के लक्षण :

-दांत में दर्द 

-सांसों से बदबू आना

-खाना चबाते वक्त दर्द 

-मुंह में खराब स्वाद आना

-मसूड़ों से खून आना

-मसूड़ों में सूजन आना

-दांतों की स्थिति में बदलाव 

पायरिया के उपचार :

प्रारंभिक चरण में पायरिया का उपचार कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर भी किया जा सकता है, लेकिन अगर एक बार ये बीमारी बढ़ गई तो भी ये तरीके में शायद असरदार साबित न हो सकें. इसलिए बेहतर है कि बीमारी की शुरुआत में ही ओरल हायजीन पर खास ध्यान दें. पायरिया पर काबू करने के कुछ घरेलू नुस्खे इस प्रकार हैं-

-हल्के गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करें.

-पानी में फिटकरी मिलाकर कुल्ला करें.

-माउथवॉश का इस्तेमाल करें.

-रात में सोने के पहले मुंह की कंप्लीट सफाई करें.

-दांतों में फंसे खाने के कणों को निकालने के लिए टूथपिक या नुकीली वस्तु का इस्तेमाल न करें.

-धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करते हैं तो छोड़ दें.

-अगर इन उपायों को अपनाने से भी बात न बने तो दंत रोग विशेषज्ञ को दिखाकर उनकी सलाह देनी चाहिए.

अस्वीकरण : सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. 



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