तुलसी के पत्तों में कई मेडिसिनल प्रॉपर्टीज होती हैं. सांस से जुड़ी बीमारियों में खास तौर से तुलसी के पत्ते खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसे चबाकर खाने का तरीका सही नहीं है.
ऐसा कहा जाता है कि तुलसी के पत्तों (Tulsi Leaves) को कभी चबाकर नहीं खाना चाहिए. अक्सर लोगों को लगता है कि इसके पीछे कोई धार्मिक वजह होगी, लेकिन तुलसी के पत्तों को चबाकर न खाने के पीछे की वजह धार्मिक नहीं, बल्कि आपकी सेहत से जुड़ी हैं.
तुलसी के पत्तों (Tulsi Leaves) में कई मेडिसिनल प्रॉपर्टीज होती हैं. सांस से जुड़ी बीमारियों में खास तौर से तुलसी के पत्ते खाने की सलाह दी जाती है. तुलसी के पत्ते खाने से आपकी इम्युनिटी (Immunity) स्ट्रॉन्ग होती है और आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए ये बहुत फायदेमंद है. अब ये जानिए कि इसे चबाकर खाने का तरीका क्यों सही नहीं है?
दांतों पर असर : दरअसल, तुलसी के पत्तों में Mercury Content होता है. जब आप इसे चबाते हैं, तो ये तत्व बाहर निकलते और इससे आपके दांतों को नुकसान पहुंचता है. तुलसी की पत्ते एसिडिक होते हैं और अगर आप रोजाना ज्यादा मात्रा में इसे चबाते हैं, तो दांत के एनामेल पर असर पड़ता है.
चबाकर खाने का तरीका सही नहीं : तुलसी के पत्तों को चबाकर खाने के बजाय निगलकर खाने की सलाह दी जाती है. कई दवाओं में तुलसी का अर्क होता है, लेकिन चूंकि ये दवाएं आप तुरंत पानी के साथ निगल लेते हैं, इसलिए इससे दांतों को नुकसान नहीं पहुंचता.
काढ़े या चाय के रूप में : तुलसी के पत्तों के सेवन का सबसे अच्छा तरीका ये है आप इसे काढ़े में या चाय के साथ उबालकर पीएं. इसके लिए आप सिर्फ तुलसी की चाय बनाकर भी पी सकते हैं. इसके लिए तुलसी के पत्तों को पानी में डालकर 15 मिनट तक धीमी आंच पर उबालें. इसके बाद इसमें शहद और नींबू मिलाकर पीएं.
इसमें आप अपने हिसाब से दूसरे हर्ब्स और फ्लेवर भी मिला सकते हैं. इस चाय की सबसे अच्छी बात ये है कि ये कैफीन फ्री होगी और उन लोगों को भी फायदा पहुंचाएगी जिनका ब्लड शुगर लेवल ज्यादा रहता है.
घी के साथ तुलसी : तुलसी के पत्तों को सुखाकर इसका पाउडर बना लें. आधा चम्मच तुलसी पाउडर में दो चम्मच घी मिलाएं और अब इसे दाल या रोटी के साथ खाएं.
तुलसी का जूस : तुलसी के पत्तों को एक कप पानी में डालकर ब्लेंड कर लें और इसमें शहद मिलाकर पीएं.
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