इस प्यारी पृथ्वी को बचाने के लिए ‘विश्व संसद’ जरूरी! : डॉ. जगदीश गाँधी
(विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) पर विशेष लेख) (1) पृथ्वी के बिना हम जीवन की परिकल्पना भी नहीं कर सकते :- पृथ्वी के बिना हम जीवन की परिकल्पना भी नहीं कर सकते। पृथ्वी पर ही हमें जीवित रहने के लिए अन्न, जल इत्यादि मिलता है। वास्तव में सौर मंडल के नौ ग्रहों में से, पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है, जहां जी…
Image
सदियों से सोए-खोए और हाशिए पर खड़े समाज को जगाया था डॉ भीम राव अंबेडकर ने
सामाजिक समरसता और समता मूलक समाज के प्रबल पक्षधर तथा कुप्रथाओं के कारण पीढी-दर-पीढी  सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल चुकी बहुसंख्यक आबादी के सम्मान तथा स्वाभिमान के सच्चे लडाके डॉ भीम राव अंबेडकर ने सामाजिक न्याय को आधुनिक अर्थों में न केवल परिभाषित किया बल्कि सामाजिक न्याय के लिए जीवन पर्यन्त जीवटता स…
Image
‘वैलेन्टाइन दिवस’ को ‘पारिवारिक एकता दिवस’ के रूप में मनायें!
संत वैलेन्टाइन को सच्ची श्रद्धाजंली देने के लिए 14 फरवरी (1) ‘वैलेन्टाइन दिवस’ रोम के पादरी संत वैलेन्टाइन को समर्पित :-   संसार को ‘परिवार बसाने’ एवं ‘पारिवारिक एकता’ का संदेश देने वाले महान संत वैलेन्टाइन के ‘मृत्यु दिवस’ को आज भारतीय समाज में जिस ‘आधुनिक स्वरूप’ में स्वागत किया जा रहा है, उससे ह…
Image
दीपावली आत्मा के प्रकाश का त्योहार है!
4 नवम्बर - दीपावली पर्व पर विशेष लेख (1) दीपावली का पर्व हमें अपने अन्दर आत्मा का प्रकाश धारण करने की प्रेरणा देता है :- त्रेता युग में अयोध्या के राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र “मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम” जब पिता की वचन-पूर्ति के लिए चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके तथा अहंकारी रावण का वध करके अपनी पत्…
Image