कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता बबली मिश्रा ने कहा कि आज भारत के सामने एक नई और विकराल चुनौती के रूप में युवाओं में बढ़ती नशे की लत खड़ी है। यह समस्या अब केवल युवकों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि युवतियों और यहां तक कि स्कूली बच्चों को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। शराब और ड्रग्स जैसी नशीली वस्तुएं हमारी भावी पीढ़ी के भविष्य को अंधकार की ओर धकेल रही हैं, जिसे रोकना आज समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से भारत दो प्रमुख नशा उत्पादक क्षेत्रों—पश्चिम में गोल्डन क्रेसेंट (अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान) और पूर्व में गोल्डन ट्रायंगल (म्यांमार, थाईलैंड, लाओस) के बीच स्थित है। ऐसे में भारत नशीले पदार्थों की तस्करी का एक प्रमुख मार्ग और गंतव्य बन गया है। देश की लंबी समुद्री और स्थलीय सीमाएं, दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियां और कुछ राज्यों में प्राकृतिक नशीले पदार्थों की खेती भी इस समस्या को और जटिल बनाती है।
बबली मिश्रा ने आंकड़ों का उल्लेख करते हुए बताया कि आज भारत में 6.5 करोड़ से अधिक लोग ड्रग्स की लत से ग्रसित हैं। सर्वेक्षण बताते हैं कि स्कूलों में 13 वर्ष की उम्र से ही नशे की शुरुआत हो रही है, जबकि 10 से 15 वर्ष के बच्चों में भी इसका प्रतिशत चिंताजनक रूप से बढ़ रहा है। कॉलेजों में यह संख्या और अधिक है। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रयासों के बावजूद नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है, जिससे स्पष्ट है कि समाज को भी इस लड़ाई में आगे आना होगा।
कार्यक्रम में वक्ता भारती सिंह ने नशे के दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नशा व्यक्ति के रिश्तों, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और भविष्य—सब कुछ नष्ट कर देता है। इससे बचाव के लिए युवाओं को व्यायाम, योग, अध्यात्म, संवाद और निरंतर प्रबोधन के माध्यम से जागरूक करना होगा। विद्यालयों, महाविद्यालयों और कोचिंग संस्थानों में संपर्क कर अभियान चलाने की आवश्यकता है, साथ ही परिवारों में भी खुलकर संवाद और सतर्क निगरानी जरूरी है।
विद्यालय की प्रधानाचार्या ममता दीदी ने दुर्गावाहिनी के इस अभियान की सराहना करते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को नशे से दूर रखने के लिए ऐसे कार्यक्रम अत्यंत आवश्यक हैं। कार्यक्रम में प्रभावती दीदी की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम के समापन पर दुर्गावाहिनी की जिला संयोजिका बबली मिश्रा ने उपस्थित सभी बालिकाओं को नशे से दूर रहने तथा स्वस्थ, संस्कारित और सशक्त जीवन जीने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि नशामुक्त बलिया और नशामुक्त भारत का सपना तभी साकार होगा, जब समाज का प्रत्येक वर्ग इस अभियान से जुड़ेगा और अपनी जिम्मेदारी निभाएगा।







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