बिहार के सारण जनपद के सोनपुर में गंडक और गंगा के पवित्र संगम तट पर स्थित हरिहरनाथ मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि भारत की प्राचीन आस्था, लोक संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत का गौरवशाली प्रतीक है। यह मंदिर भगवान शिव और विष्णु के संयुक्त रूप ‘हरिहर’ को समर्पित है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से मनुष्य को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
मंदिर की शिल्प शैली सरल और प्राचीन भारतीय कारीगरी का सुंदर उदाहरण है। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति का आलोक महसूस होता है। घंटियों की ध्वनि, शिव स्तुति, हरिहर भजन और दीपक की लौ श्रद्धालुओं के मन को एक अलौकिक शांति का अनुभव कराती है। दूर-दूर से भक्त यहां विवाह, नामकरण, उपनयन संस्कार, कथा–पूजन और विशेष अनुष्ठान संपन्न करवाने आते हैं।
स्थानीय मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से यहां आकर भगवान हरिहरनाथ के समक्ष अपनी मनोकामना प्रार्थना के साथ व्यक्त करता है, उसकी इच्छा अवश्य पूर्ण होती है। कार्तिक मास, महाशिवरात्रि, श्रावण मास और देव दीपावली पर तो यहां भक्तों का विशाल सैलाब उमड़ पड़ता है।
हरिहरनाथ सोनपुर मंदिर केवल एक स्थान नहीं, बल्कि श्रद्धा की वह अमर धारा है जो सदियों से जन-जन के मन में धर्म, संस्कृति और आस्था के दीप जलाती आई है। यदि आपको कभी बिहार के इस क्षेत्र की यात्रा का अवसर मिले, तो अवश्य इस पवित्र धाम के दर्शन करें और हरिहर के दिव्य स्वरूप से आशीर्वाद प्राप्त करें।
*"जय हरिहरनाथ – आस्था का दीप, सनातन की शान"*
परिवर्तन चक्र समाचार सेवा ✍️


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