सड़क आवागमन के लिए है, पार्किंग के लिए नहीं” — सीएम योगी का सख्त संदेश, चालान नहीं अब कठोर कार्रवाई होगी


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क किनारे टेंपो, बस, रिक्शा, ट्रक व अन्य वाहनों के अवैध स्टैंड और अव्यवस्थित पार्किंग पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सड़कें आवागमन के लिए होती हैं, वाहन खड़ा करने के लिए नहीं। किसी भी स्थिति में सड़क किनारे स्टैंड न बनने दिया जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर केवल चालान नहीं, बल्कि कठोर कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री ने हाईवे और एक्सप्रेसवे के किनारे लंबे समय तक खड़े वाहनों, डग्गामार वाहनों और सड़क किनारे कतारबद्ध ट्रकों को गंभीर दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बताया। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे वाहनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए, पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए और अव्यवस्थित पार्किंग पर सख्ती से रोक लगे। साथ ही दुर्घटनाओं के वास्तविक उदाहरण सामने रखकर लोगों को समझाने पर जोर दिया, ताकि सड़क सुरक्षा को लेकर जनमानस में व्यवहारिक बदलाव आए।

सीएम योगी ने कहा कि पब्लिक एड्रेस सिस्टम का व्यापक और प्रभावी उपयोग किया जाए, जिससे यह संदेश हर व्यक्ति तक पहुंचे कि सड़क सुरक्षा किसी और की नहीं, बल्कि उनके अपने जीवन और परिवार से जुड़ा विषय है। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना, राष्ट्रीय कैडेट कोर, आपदा मित्र, स्काउट-गाइड और सिविल डिफेंस जैसे संगठनों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। युवाओं और स्वयंसेवी संगठनों की सहभागिता से ही यह अभियान वास्तविक जन आंदोलन बन सकेगा।

चालान नहीं, अब सख्त एक्शन

मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि केवल चालान करना सड़क दुर्घटनाओं का स्थायी समाधान नहीं है। आदतन यातायात नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करने और वाहन सीज करने की स्पष्ट नियमावली बनाकर सख्ती से पालन कराया जाए। स्टंटबाजी करने वाले युवकों पर भी पूरी सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए। साथ ही यह भी कहा कि जहरीली मदिरा बनाने और बेचने की अवैध गतिविधियां लगभग समाप्त हो चुकी हैं, फिर भी प्रशासन को पूरी तरह सजग रहना होगा।

1 से 31 जनवरी तक सड़क सुरक्षा माह

मुख्यमंत्री ने बताया कि 1 से 31 जनवरी तक सड़क सुरक्षा माह मनाया जाएगा। इस दौरान ई-4 मॉडल—शिक्षा, प्रवर्तन, इंजीनियरिंग और इमरजेंसी केयर—को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग, एम्बुलेंस और क्रेन की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि यह अभियान औपचारिकता बनकर न रह जाए, बल्कि व्यापक जनभागीदारी और व्यवहार परिवर्तन के लक्ष्य के साथ चले।

सीएम योगी ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से बच्चों, युवाओं और आम नागरिकों में सही सड़क व्यवहार विकसित किया जाए, प्रवर्तन के तहत नियमों का सख्ती से पालन हो, इंजीनियरिंग के जरिए ब्लैक स्पॉट और क्रिटिकल पॉइंट सुधारे जाएं और इमरजेंसी केयर के तहत त्वरित एम्बुलेंस सेवा व बेहतर ट्रॉमा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। एम्बुलेंस सेवाओं और स्कूल वाहनों की फिटनेस की विशेष जांच कर अनफिट वाहनों को सड़क से हटाया जाए।

आंकड़े चिंताजनक

बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष नवंबर तक 46,223 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 24,776 लोगों की जान गई। मुख्यमंत्री ने इन आंकड़ों को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाएं केवल प्रशासनिक या तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि एक बड़ी सामाजिक चुनौती हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग सहित संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिए कि सड़क इंजीनियरिंग की कमियां दूर की जाएं, खराब साइनज, अव्यवस्थित कट, अंधे मोड़ और अनुचित स्पीड ब्रेकर सुधारे जाएं। केवल टेबल-टॉप स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं और सभी सड़कों का नियमित रोड सेफ्टी ऑडिट कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल को जितनी जल्दी चिकित्सकीय सहायता मिलती है, उतनी ही जान बचने की संभावना बढ़ जाती है। ट्रॉमा सेंटर सुविधा वाले निजी अस्पतालों को भी सड़क दुर्घटना पीड़ितों के उपचार से जोड़ा जाए, ताकि हर जीवन सुरक्षित रहे।



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