बजरंग दल स्थापना दिवस : राष्ट्रभक्ति, संस्कार और सेवा की प्रतीक संगठनात्मक शक्ति


भारत जैसे विशाल और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश में जब-जब समाज को नई दिशा देने की आवश्यकता पड़ी है, तब-तब युवाओं ने आगे बढ़कर राष्ट्र सेवा का संकल्प लिया है। इसी श्रृंखला में बजरंग दल का नाम राष्ट्रीय गौरव, संगठनात्मक शक्ति और हिंदू एकता के प्रतीक के रूप में लिया जाता है।

स्थापना का उद्देश्य :

बजरंग दल की स्थापना 8 अक्टूबर 1984 को आयोध्या में हुई थी। उस समय श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन को लेकर देशभर में धार्मिक जागरण का माहौल था। इस संगठन की स्थापना का मूल उद्देश्य हिंदू युवाओं को संगठित कर समाज में राष्ट्रभक्ति, धर्मरक्षा और सांस्कृतिक जागरण की भावना को मजबूत करना था।

बजरंग दल का आदर्श वाक्य —
“सेवा, सुरक्षा और संस्कार”
इन तीन शब्दों में ही इसकी पूरी कार्यदिशा और भावना निहित है।

कार्य और योगदान :

बजरंग दल केवल धार्मिक संगठन नहीं है, बल्कि एक सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रसेवी संगठन भी है।

  • संकट के समय राहत व बचाव कार्यों में दल के स्वयंसेवक हमेशा अग्रणी रहते हैं।
  • गौ सेवा, रक्तदान, पर्यावरण संरक्षण, और भारतीय संस्कृति के प्रचार में इसकी सक्रिय भूमिका रही है।
  • युवाओं में चरित्र निर्माण, देशभक्ति, शौर्य और अनुशासन की भावना जगाने के लिए नियमित शाखाएं, प्रशिक्षण शिविर और सेवा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

राष्ट्रहित में संगठन की भूमिका :

बजरंग दल ने हमेशा यह संदेश दिया है कि भारत की आत्मा उसकी संस्कृति और परंपरा में निहित है। जब युवा अपनी जड़ों से जुड़कर राष्ट्र के प्रति समर्पित रहते हैं, तब देश मजबूत बनता है।

यह संगठन देश की अखंडता, धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक समरसता के संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।

स्थापना दिवस का महत्व :

हर वर्ष 8 अक्टूबर को बजरंग दल स्थापना दिवस देशभर में उत्साह, जोश और संकल्प के साथ मनाया जाता है।
इस दिन संगठन के कार्यकर्ता—

  • प्रभात फेरियां निकालते हैं,
  • शौर्य प्रदर्शन करते हैं,
  • रक्तदान, स्वच्छता, पौधरोपण और सेवा कार्यक्रम आयोजित करते हैं,
    ताकि समाज में देशप्रेम और एकता का संदेश फैल सके।

समापन विचार :

बजरंग दल की स्थापना केवल एक संगठन का जन्म नहीं थी, बल्कि यह एक सांस्कृतिक आंदोलन था जिसने करोड़ों युवाओं को अपने धर्म, देश और समाज के प्रति समर्पित होने की प्रेरणा दी।

आज जब विश्व में मूल्य और संस्कारों का क्षरण हो रहा है, ऐसे समय में बजरंग दल का आदर्श —“देश के लिए जियो, समाज के लिए सोचो, और मानवता के लिए कार्य करो”युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन चुका है।










पंडित विजेंद्र कुमार शर्मा ✍️
जीराबस्ती, बलिया (उ.प्र.)




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