“बचत की आदत, भविष्य की सुरक्षा की गारंटी है।”
हर वर्ष 31 अक्टूबर को विश्व बचत दिवस (World Savings Day) मनाया जाता है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में बचत केवल पैसों का संचय नहीं, बल्कि हमारे भविष्य की स्थिरता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
🔹 विश्व बचत दिवस का इतिहास
विश्व बचत दिवस की शुरुआत 31 अक्टूबर 1924 को मिलान (इटली) में हुई थी, जब अंतरराष्ट्रीय बचत बैंक कांग्रेस (World Savings Bank Congress) के दौरान इस दिन को मनाने का निर्णय लिया गया। इसका उद्देश्य लोगों को बचत की महत्ता समझाना और उन्हें आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य के लिए प्रेरित करना था।
🔹 बचत का महत्व
आज के समय में जहां उपभोक्तावाद तेजी से बढ़ रहा है, वहीं बचत की आदत हमें अनावश्यक खर्चों से बचाती है। बचत न केवल आपातकालीन स्थितियों में सहारा देती है, बल्कि यह शिक्षा, व्यवसाय, स्वास्थ्य और वृद्धावस्था जैसी जीवन की आवश्यकताओं के लिए भी आधार प्रदान करती है।
एक पुरानी कहावत है —
“बूंद-बूंद से सागर भरता है।”इसी तरह छोटी-छोटी बचतें समय के साथ बड़ी पूंजी बन जाती हैं।
🔹 आधुनिक युग में बचत के नए साधन
डिजिटल युग में बचत के तरीके भी बदल गए हैं। अब बैंक खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), म्यूचुअल फंड, पोस्ट ऑफिस स्कीम्स, डिजिटल वॉलेट सेविंग्स और इंश्योरेंस प्लान जैसे अनेक साधन लोगों को सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प प्रदान करते हैं। सरकार भी “जन धन योजना”, “सुकन्या समृद्धि योजना” और “अटल पेंशन योजना” जैसी योजनाओं के माध्यम से बचत को बढ़ावा दे रही है।
🔹 बचत और युवा पीढ़ी
आज की युवा पीढ़ी के लिए बचत की आदत बहुत जरूरी है। कमाई की शुरुआत से ही अगर बचत का अनुशासन अपनाया जाए तो भविष्य में किसी भी आर्थिक संकट से निपटना आसान हो जाता है। “कमाओ, खर्च करो और थोड़ा बचाओ” की बजाय “कमाओ, बचाओ और फिर खर्च करो” की सोच अपनाना समय की मांग है।
🔹 निष्कर्ष
विश्व बचत दिवस हमें सिखाता है कि छोटी सी बचत भी बड़ी सुरक्षा बन सकती है। बचत केवल पैसे जमा करने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक संतुलित और जिम्मेदार तरीका है। इसलिए, आज ही यह संकल्प लें —
“हर दिन कुछ बचाएं, भविष्य को सुनहरा बनाएं।”
जीशान अहमद ✍️
बहेरी, बलिया (उ.प्र.)


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