राज्यपाल ने कहा — “किसान अपनाएं जैविक खेती, यही स्वास्थ्य और पर्यावरण का आधार”
बलिया। उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को बलिया जनपद के ग्राम मिरीगिरी (तहसील बांसडीह) स्थित श्री वासुदेव गौशाला एवं उत्पादन विक्रेता केंद्र का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर उन्होंने किसानों और महिला स्व-सहायता समूहों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब हमें रासायनिक खेती छोड़कर जैविक (ऑर्गेनिक) खेती की ओर लौटना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि जैविक खेती न केवल मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी अनिवार्य है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपने खेतों में गोबर, गोमूत्र और प्राकृतिक खाद का उपयोग बढ़ाएं और आधुनिक तकनीक के साथ परंपरागत ज्ञान को जोड़ें।
किसानों की जियो टैगिंग के निर्देश
राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले के सभी ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों की जियो टैगिंग कराई जाए, ताकि उनकी पहचान बने और उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ शीघ्रता से मिल सके।
महिला समूहों की सराहना
राज्यपाल ने कहा कि महिला स्व-सहायता समूह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का बड़ा माध्यम बन चुके हैं। उन्होंने महिलाओं को और अधिक सक्रिय होकर खेती, डेयरी व लघु उद्योगों में भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया।
प्राकृतिक खेती से ही टिकाऊ विकास संभव
राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती ही भविष्य की टिकाऊ कृषि प्रणाली है। उन्होंने किसानों को सरकार की कृषि एवं पशुपालन योजनाओं का लाभ उठाने की सलाह दी और कहा कि गोशालाओं को “जैविक केंद्र” के रूप में विकसित किया जा सकता है, जिससे रोजगार और आय दोनों में वृद्धि होगी।
0 Comments