हर साल 20 सितंबर को रेलवे सुरक्षा बल (RPF) स्थापना दिवस मनाया जाता है। यह दिन न केवल भारतीय रेलवे के इतिहास में महत्वपूर्ण है, बल्कि देश की जनता की सुरक्षा और रेलवे संपत्ति की रक्षा में लगे इस विशेष बल के समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा को भी दर्शाता है।
स्थापना और उद्देश्य
रेलवे सुरक्षा बल की स्थापना भारतीय रेलवे को अपराध, तस्करी, तोड़फोड़ और दुर्घटनाओं से सुरक्षित रखने के लिए की गई थी। इसका विधिवत गठन 20 सितंबर 1957 को हुआ। वर्ष 1985 में संसद ने RPF अधिनियम पारित किया, जिसके बाद इसे और अधिक सशक्त कानूनी दर्जा मिला। इसका मुख्य उद्देश्य है :–
▶️ यात्रियों और उनकी संपत्ति की सुरक्षा
▶️ रेलवे संपत्ति की रक्षा
▶️ अपराधों की रोकथाम और जांच
▶️राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में रेलवे को हर प्रकार की असामाजिक गतिविधियों से सुरक्षित रखना
RPF की भूमिका और योगदान
RPF का काम केवल रेलवे सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बल यात्रियों के विश्वास और सुविधा का भी प्रहरी है।
➡️ हर साल यह हजारों गुमशुदा बच्चों को उनके परिजनों से मिलवाता है।
➡️ यात्रा के दौरान महिलाओं और बुजुर्गों को सुरक्षा प्रदान करता है।
➡️ तस्करी, नकली टिकट और रेल संपत्ति की चोरी जैसे अपराधों पर नकेल कसता है।
➡️ प्राकृतिक आपदा या रेल दुर्घटनाओं के समय राहत और बचाव कार्यों में भी अग्रणी रहता है।
आधुनिक पहल और तकनीकी उपयोग
आज RPF ने तकनीकी और आधुनिक साधनों को अपनाकर अपनी कार्यक्षमता को और बढ़ाया है।
👉रेल सुरक्षा हेल्पलाइन 139 के माध्यम से यात्रियों की समस्याओं का त्वरित समाधान।
👉सीसीटीवी निगरानी और साइबर सेल की मदद से अपराधियों पर कड़ी नजर।
👉मिशन शक्ति और नारी शक्ति पहल के माध्यम से महिला यात्रियों की सुरक्षा।
👉ग्रीन पहल और यात्री जागरूकता अभियानों के जरिए संवेदनशील दृष्टिकोण।
निष्कर्ष
रेलवे सुरक्षा बल स्थापना दिवस हमें याद दिलाता है कि रेलवे सिर्फ यात्रा का साधन नहीं, बल्कि देश की धड़कन है। इसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी जिस बल के कंधों पर है, वह है RPF। उनका परिश्रम, समर्पण और निष्ठा भारतीय रेलवे को दुनिया की सबसे बड़ी और सुरक्षित रेलवे नेटवर्क में से एक बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।
इस विशेष दिन पर हम सभी को RPF के उन जवानों को सम्मान देना चाहिए जो निस्वार्थ भाव से हमारी सुरक्षा और सुविधा के लिए दिन-रात तत्पर रहते हैं।
✍️ परिवर्तन चक्र समाचार सेवा
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