विश्व सफाई दिवस पर विशेष लेख
हर वर्ष सितंबर माह के तीसरे शनिवार को विश्व सफाई दिवस (World Cleanup Day) मनाया जाता है। यह दिन केवल धरती की सफाई का प्रतीक नहीं है, बल्कि मानवता को पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास और सामूहिक जिम्मेदारी की ओर प्रेरित करता है। इस दिवस पर दुनिया भर के करोड़ों लोग एक साथ मिलकर सड़कें, पार्क, नदियाँ, समुद्र तट, जंगल और अपने आस-पास के क्षेत्रों को कचरे से मुक्त करने का संकल्प लेते हैं।
विश्व सफाई दिवस का इतिहास
विश्व सफाई दिवस की शुरुआत एस्टोनिया (Estonia) नामक छोटे से देश से हुई। वर्ष 2008 में वहाँ के नागरिकों ने "Let’s Do It!" अभियान चलाया और मात्र 5 घंटे में पूरे देश से 10,000 टन कचरा इकट्ठा कर उसे नष्ट किया। इस ऐतिहासिक प्रयास ने पूरी दुनिया को प्रेरित किया और धीरे-धीरे यह आंदोलन वैश्विक स्तर पर फैल गया। आज 190 से अधिक देश इस अभियान का हिस्सा बन चुके हैं।
उद्देश्य और महत्व
- पर्यावरण संरक्षण – धरती से प्लास्टिक, पॉलीथिन और अन्य हानिकारक कचरे को हटाना।
- जागरूकता फैलाना – लोगों को स्वच्छता और रीसाइक्लिंग के महत्व से जोड़ना।
- सामूहिक भागीदारी – यह दिखाना कि जब पूरी दुनिया मिलकर प्रयास करती है, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
- प्रकृति का संतुलन – नदियों, समुद्रों और जंगलों में फैले कचरे को हटाकर प्राकृतिक जीवन को सुरक्षित रखना।
भारत में विश्व सफाई दिवस
भारत में स्वच्छता को लेकर पहले से ही स्वच्छ भारत मिशन जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं। विश्व सफाई दिवस पर देशभर में स्कूल, कॉलेज, स्वयंसेवी संगठन, नगर निगम और स्थानीय लोग मिलकर सफाई अभियान चलाते हैं। नदियों के किनारे, समुद्र तट, पार्क और कॉलोनियों में सफाई कर जनता को यह संदेश दिया जाता है कि “स्वच्छता ही सेवा है।”
विश्व सफाई दिवस और चुनौतियाँ
हालाँकि इस दिन करोड़ों लोग सफाई करते हैं, परंतु यह काम केवल एक दिन का नहीं है। कचरे की समस्या और प्रदूषण लगातार बढ़ रहे हैं। कुछ प्रमुख चुनौतियाँ हैं –
- प्लास्टिक का अनियंत्रित उपयोग।
- गंदगी फैलाने वाली आदतें।
- शहरीकरण और औद्योगिकीकरण से बढ़ता कचरा।
- कचरे के प्रबंधन की कमी।
हम सबकी जिम्मेदारी
विश्व सफाई दिवस हमें यह याद दिलाता है कि केवल सरकारें या संगठन ही नहीं, बल्कि हर नागरिक को स्वच्छता के लिए जिम्मेदारी निभानी होगी।
- अपने घर और आस-पास की जगह साफ रखें।
- गीले और सूखे कचरे को अलग करें।
- प्लास्टिक का प्रयोग कम करें और कपड़े/जूट के बैग अपनाएँ।
- रीसाइक्लिंग और पुन: उपयोग की आदत डालें।
- पेड़ लगाएँ और प्रकृति को संरक्षित करें।
निष्कर्ष
विश्व सफाई दिवस केवल एक दिन की गतिविधि नहीं, बल्कि यह एक वैश्विक चेतना का आंदोलन है। इसका संदेश यही है कि धरती हमारी साझा धरोहर है और इसे स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। यदि हम सभी मिलकर छोटे-छोटे प्रयास करेंगे तो भविष्य की पीढ़ियों को एक हरा-भरा, स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण दे सकेंगे।
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