लखनऊ, 26 सितम्बर 2025। परिचालनिक सुगमता एवं लाइन क्षमता बढ़ाने की दिशा में पूर्वोत्तर रेलवे को बड़ी सफलता मिली है। डोमिनगढ़-गोरखपुर जं.-गोरखपुर कैंट-कुसम्ही तीसरी लाइन तथा गोरखपुर जं.-नकहा जंगल दोहरीकरण परियोजना (22 किमी.) लगभग 520 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण कर ली गई है।
परियोजना के अन्तर्गत अंतिम चरण में गोरखपुर जं.-डोमिनगढ़ (04 किमी.) तीसरी लाइन तथा गोरखपुर-नकहा जंगल (05 किमी.) दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण कार्य संपन्न हुआ। रेल संरक्षा आयुक्त (उत्तर पूर्व सर्किल) श्री प्रणजीव सक्सेना ने 26 सितम्बर को अधिकारियों की उपस्थिति में निरीक्षण एवं सफल स्पीड ट्रायल किया।
इस परियोजना के पाँच चरणों में नकहा जंगल यार्ड, गोरखपुर कैंट–कुसम्ही (9.80 किमी.), डोमिनगढ़ यार्ड, गोरखपुर जं.–गोरखपुर कैंट (3.5 किमी.) तथा गोरखपुर जं.–डोमिनगढ़ (04 किमी.) तीसरी लाइन और गोरखपुर–नकहा जंगल (05 किमी.) दोहरीकरण कार्य शामिल रहा।
परियोजना के तहत सभी प्रमुख स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ई.आई.) प्रणाली लागू की गई है, जो ट्रेनों के संचालन को और अधिक संरक्षित व आधुनिक बनाती है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार तीसरी लाइन से ट्रेन संचालन क्षमता बढ़ेगी, समय पालन में सुधार होगा और मालगाड़ियों की रफ्तार तेज होने से व्यापार एवं उद्योग को लाभ मिलेगा। गोरखपुर कैंट को सैटेलाइट स्टेशन के रूप में और अधिक विकसित करने में भी यह परियोजना सहायक होगी।
इससे क्षेत्र में कृषि, व्यापार, वाणिज्य, शिक्षा, पर्यटन एवं स्वास्थ्य सेवाओं को गति मिलेगी और यात्रियों की आवाजाही और सुगम होगी। इस अवसर पर लखनऊ मंडल एवं निर्माण संगठन के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। जानकारी महेश गुप्ता, जनसम्पर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ ने दी।
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