बलिया में भोजपुरी सम्मेलन सम्पन्न, साहित्यकारों को मिला ‘पाती अक्षर सम्मान’


बलिया। बापू भवन, टाउनहाल में विश्व भोजपुरी सम्मेलन बलिया एवं पाती रचना-मंच के तत्वावधान में भोजपुरी जनपदों के सुप्रसिद्ध विद्वानों और साहित्यकारों का सम्मेलन आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि प्रो० सदानन्द शाही ने कहा कि भोजपुरी भाषा और साहित्य की प्रतिष्ठा व संवहन में बलिया जनपद की विशिष्ट भूमिका रही है। विगत पाँच दशकों से पाती रचना मंच ने भोजपुरी साहित्य को अकादमिक स्वरूप व स्तरीय रूप प्रदान किया है।

सम्मेलन में डा० दिवाकर पाण्डेय, डा० रामसुधार सिंह, डा० प्रकाश उदय, डा० जयकान्त सिंह, सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी, जनार्दन सिंह ‘अमन’ सहित कई साहित्यकारों ने विचार रखे और भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की माँग उठाई।

इस अवसर पर पाती रचना मंच द्वारा चार रचनाकारों को ‘पाती अक्षर सम्मान’ अंगवस्त्र, प्रमाण-पत्र और स्मृति-चिह्न देकर सम्मानित किया गया। साथ ही प्रो० पृथ्वीराज सिंह की पुस्तक “भोजपुरी भाषा” का लोकार्पण भी हुआ। प्रथम सत्र की अध्यक्षता विजय मिश्र और संचालन कौशल किशोर सिन्हा ने किया।

द्वितीय सत्र में भोजपुरी कवि सम्मेलन हुआ, जिसमें कवियों की रचनाओं ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कवि शैलेन्द्र पाण्डेय ‘शैल’, कमलेश राय, मिथिलेश गहमरी, डा० अक्षय पाण्डेय, मनोज ‘भावुक’, शिवजी पाण्डेय ‘रसराज’ समेत अनेक कवियों ने अपनी कविताओं से समाज की विसंगतियों को रेखांकित किया। इस सत्र का संचालन मनोज ‘भावुक’ और अध्यक्षता विजय मिश्र ने की।



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