लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश में निवेशकों को औद्योगिक पार्कों में भूखंड पर मिलने वाली छूट की मौजूदा व्यवस्था बदलने जा रही है। अब तक यह अधिकार जिलाधिकारी (डीएम) के पास था, लेकिन निवेशकों को समय पर राहत न मिलने और प्रक्रियाओं में देरी के कारण सरकार ने इसे उपायुक्त उद्योग को सौंपने का फैसला किया है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर सहमति बनी है। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने भी प्रस्ताव पर सहमति दी है। जल्द ही इसे कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाएगी।
बैठक में यह भी तय हुआ कि औद्योगिक पार्कों में भूखंड का मूल्यांकन अब भी डीएम ही करेंगे और न्यूनतम दर तय करने से पहले सभी हितधारकों से विचार-विमर्श भी करेंगे। इसके अलावा स्टांप शुल्क की देयता के लिए पूरे औद्योगिक पार्क को एक इकाई माना जाएगा।
इस कदम से उद्यमियों को तेजी से भूखंड पर छूट मिल सकेगी और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
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