यूपी में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन का शासनादेश जारी


श्रेणीवार 22 हज़ार से 40 हज़ार रुपये तक तय हुई न्यूनतम वेतन दरें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने लंबे समय से प्रतीक्षित आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन संबंधी शासनादेश जारी कर दिया है। इस शासनादेश के तहत विभिन्न श्रेणियों की सेवाओं के लिए न्यूनतम पारिश्रमिक और शैक्षिक योग्यता निर्धारित की गई है। अब प्रदेश में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उनके कार्य और योग्यता के अनुसार पारिश्रमिक मिलेगा।

राज्य सरकार ने बताया कि इन सेवाओं का संचालन उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम लिमिटेड के माध्यम से होगा। इस निगम का गठन कम्पनीज एक्ट-2013 की धारा-8 के अंतर्गत एक नॉन-प्रॉफिटेबल पब्लिक लिमिटेड कम्पनी के रूप में किया गया है।

श्रेणीवार वेतन निर्धारण

जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन दरें निम्न प्रकार होंगी—

  • श्रेणी-1 सेवाएं : चिकित्सीय, अभियन्त्रण, व्याख्यान, परियोजना प्रबंधन, लेखा, वास्तुविद और अनुसंधान संबंधी सेवाओं के लिए न्यूनतम ₹40,000 वेतन निर्धारित किया गया है।
  • श्रेणी-2 सेवाएं : कार्यालयीय, आशुलिपिकीय, लेखा, डाटा प्रोसेसिंग, अनुवादकीय, कल्याण, कला शिक्षण, शारीरिक प्रशिक्षण, शिक्षण, नर्सिंग, फार्मेसी, कानूनी परामर्श और सांख्यिकी सेवाओं के लिए न्यूनतम ₹25,000 वेतन तय किया गया है।
  • श्रेणी-3 सेवाएं : कार्यालयीय, टंकण, फोटोग्राफी, पुस्तकालय, तकनीकी, पैरा मेडिकल, भण्डारण, फिटर, इलेक्ट्रीशियन और अन्य सेवाओं के लिए न्यूनतम ₹22,000 वेतन का प्रावधान है।

शासनादेश की विशेषताएं

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह शासनादेश इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी किया गया है, इसलिए इस पर अलग से हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है। इसकी प्रमाणिकता आम नागरिक shasanadesh.up.gov.in पोर्टल से सत्यापित कर सकते हैं।

कर्मचारियों में उत्साह

शासनादेश जारी होने के बाद प्रदेश के हजारों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में खुशी की लहर है। लंबे समय से वेतनमान को लेकर चल रही अनिश्चितता अब खत्म हो गई है। कर्मचारियों ने सरकार से उम्मीद जताई है कि भविष्य में समय-समय पर पारिश्रमिक में बढ़ोतरी भी सुनिश्चित की जाएगी।






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