बलिया। देशभर में 09 जुलाई 2025 को आहूत राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल के तहत बलिया में भी व्यापक जनसमूह ने सड़कों पर उतरकर मौजूदा सरकार की मजदूर विरोधी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। सुबह से ही जिले के कोने-कोने से मजदूर, किसान, आंगनबाड़ी, आशा, रसोईया, शिक्षामित्र और मनरेगा कर्मियों का हुजूम पी डब्ल्यू डी चौराहे पर जुटने लगा।
हड़ताल का नेतृत्व कर रहे संगठन प्रतिनिधियों ने कहा कि मौजूदा सांप्रदायिक-पूंजीवादी गठजोड़ की सरकार आजादी के संघर्षों में अर्जित श्रम अधिकारों को लगातार कमजोर कर पूंजीपतियों के हाथ संसाधन सौंपने पर आमादा है। उन्होंने एलान किया कि मेहनतकश तबका अब चुप नहीं बैठेगा।
प्रदर्शन में प्रमुख मांगें रखी गईं :-
👉चार श्रम संहिताओं की समाप्ति।
👉सभी स्कीम वर्कर्स को राज्य कर्मचारी का दर्जा व ₹25,900 न्यूनतम वेतन।
👉पुरानी पेंशन योजना की बहाली।
👉बिजली के निजीकरण की वापसी व 300 यूनिट मुफ्त बिजली।
👉मनरेगा में 200 दिन रोजगार और ₹600 प्रतिदिन मजदूरी।
👉गरीब खेत मजदूरों व किसानों के लिए ₹5000 मासिक पेंशन।
👉स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कर फसल खरीद की गारंटी।
👉शिक्षा-स्वास्थ्य का मुफ्त इंतजाम और स्कूलों को बंद करने पर रोक।
👉कटान प्रभावित गांवों की सुरक्षा और भूमिहीनों को आवासीय अधिकार।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन और व्यापक होगा। कार्यक्रम में विभिन्न संगठनों के वक्ताओं ने एकजुटता का आह्वान किया और कहा कि देश की संपदा चंद पूंजीपतियों के हाथों बिकने नहीं दी जाएगी। आंदोलन के दौरान जोश और अनुशासन का अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने को मिला। सभा में शामिल हजारों मजदूरों-किसानों ने हाथ उठाकर संघर्ष जारी रखने की घोषणा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जय प्रकाश सिंह ने की। सभा को राम प्रकाश श्रीवास्तव, तुषार सिंह, संतोष तिवारी, प्रदुम्न राय, अमित सिंह, रिजवान अहमद, अनूप दुबे, रामजी यादव, मनोज शर्मा, मनीष पासवान, बब्लू गुप्ता, संजय सिंह, नसीम अहमद, उर्मिला देवी, शंकर चौधरी, अनीता गोंड, चंद्रिका प्रसाद, ममता कुमारी, नरेश यादव, प्रभाकर मिश्रा, अशोक पटेल, संगीता वर्मा, रेखा देवी, सुनील निषाद, राकेश राम सहित सैकड़ों लोगों ने संबोधित किया।
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