बलिया : मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध, नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई : जिलाधिकारी


बलिया। जिला मजिस्ट्रेट मंगला प्रसाद सिंह ने बताया है कि सभी जलाशयों, नदियों की समस्त जल धाराओं पर प्रभावी होंगे जो जनपद की सीमा में है, यथाविधि व्यक्तिगत अथवा धार्मिक नहीं घोषित किए गए हो। कोई भी व्यक्ति विषफोटक पदार्थ अथवा कृषि रक्षा एवं व्यापारिक कार्य में प्रयुक्त होने वाले विषैले रसायन से मछली नहीं मारेगा, और न ही मारने का प्रयास करेगा। कोई भी व्यक्ति 15 जुलाई से 30 सितंबर, 2025 तक मत्स्य जीरा अथवा अंगुलिका (2 से 10 इंच) आकार की न तो पकड़ेगा, नहीं बेचेगा और नष्ट करेगा तथा 15 जून से 30 जुलाई तक प्रजननशील मछलियों को न तो पकड़ेगा, और न ही नष्ट करेगा और न ही बेचेगा, जब तक की उसके पास मत्स्य विभाग बलिया उत्तर प्रदेश द्वारा निर्गत वैध लाइसेंस न हो। श्रेणी 1 से 4 तक के सभी जलाशयों तथा श्रेणी 5 के ऐसे जलाशयो जो बहते जल स्रोतों (नदियां नहरों) से जुड़े हैं उन जलाशयों में 01 जुलाई से 31 अगस्त, 2025 तक मत्स्य आखेट प्रतिबंधित रहेगा।

कोई भी व्यक्ति उक्त निर्देशित क्षेत्र के प्राकृतिक बहाव को रोकने हेतु कोई अवरोध नहीं लगायेगा और न ही ऐसा करके मत्स्य जीरा, अंगुलिका और मछली पकड़ेगा, अथवा नष्ट करेगा और न ही पकड़ेगा अथवा नष्ट करने का प्रयास करेगा। इन आदेशों के उल्लंघन में लगाए गए अवरोधक सामग्रियो, पकड़े गए मत्स्य जीरा एवं मछली सहित जब्त कर ली जाएगी। उक्त आदेशों का उल्लंघन उत्तर प्रदेश मत्स्य अधिनियम 1948 के अंतर्गत दंडनीय होगा।



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