बलिया : हीट स्ट्रोक और तेज बुखार आए तो बरतें सावधानी : सीएमओ

 


बलिया। 22 अप्रैल 2024। गर्मी का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है। गर्मी शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करता है। पाचन और त्वचा संबंधी समस्याओं के साथ ही मौसमी फ्लू और संक्रमण का भी खतरा बना रहता है। यहाँ तक की अस्पतालों में कई तरह की बीमारियों से पीड़ित रोगियों की तादाद का क्रम भी बढ़ने लगा है। ऐसे में रोगों के नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य महाकमा ने आमजन से गर्मी को लेकर एहतियात बरतने की अपील की। इसके साथ ही बचाव की जानकारियां देना भी शुरू कर दी है। यह कहना है, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० विजय पति द्विवेदी का।

मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि गर्मी के इस मौसम में डायरिया, उल्टी, पीलिया, टाइफाइड, वायरल फीवर, आँखो का लाल होना, त्वचा में जलन होना आदि इस तरह के बीमारियां होती है। इन सब से बचने के लिए लोगों को कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। किसी भी व्यक्ति में इन बीमारियों के लक्षण नजर आए तो शीघ्र ही नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर जाना चाहिए और चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों की सलाह से ही उपचार करना चाहिए। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि हर मरीज जो जिला अस्पताल में आ रहे हैं वह हीट वेब के मरीज नहीं है बदलते मौसम के कारण मरीज आ रहे हैं।

एहतियात ही बड़ा बचाव :- 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि लोगों को घर से निकलने से पहले पानी पीकर निकलना चाहिए और थोड़े-थोड़े समय पर पानी पीते रहना चाहिए। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं हो पाती। शुद्ध व ताजा भोजन का प्रयोग करने के अलावा भोजन बनने के तीन घंटे बाद बचे हुये भोजन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। बाजार में खुले में रखे हुए खाद्य पदार्थ का सेवन न करें, पूरे शरीर को ढककर ही घर से निकले इसके साथ ही धूप के चश्मे का प्रयोग करे।

 क्या करें :-

1. अधिक से अधिक मात्रा मे पानी पीयें यदि प्यास न लगी हो तब भी।

2. हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें।

3. धूप के चश्में, छाता, टोपी, व चप्पल का प्रयोग करें।

4. अगर आप खुले में कार्य करते है तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़ें से ढके रहें तथा छाते का प्रयोग करें।

5. यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ ले जाएं।

6. ओ0आर0एस0, घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नीबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे कि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके।

7. हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, पसीना आना, मूर्छा आदि को पहचानें।

8. यदि मूर्छा या बीमारी अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सीय सलाह लें।

9. जानवरों को छायादार स्थानो पर रखे तथा उन्हे पर्याप्त पानी पीने को दें।

10. अपने घरों को ठण्डा रखें, पर्दे दरवाजे आदि का उपयोग करे, तथा शाम/रात के समय घर तथा कमरों को ठण्डा करने हेतु इसे खोल दें।

11. पंखे, गीले कपड़ो का उपयोग करें तथा बारम्बार स्नान करें।

12. कार्य स्थल पर ठण्डे पीने का पानी रखें/उपलब्ध करायें।

क्या न करें :-

1. बच्चों तथा पालतू जानवरों को खड़ी गाड़ियों में न छोड़े।

2. दोपहर 12 से 03 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें।

3. गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें।

4. जब बाहर का तापमान अधिक हो तब श्रमसाध्य कार्य न करें।

5. अधिक गर्मी वाले समय में खाना बनाने से बचे, रसोई वाले स्थान को ठण्डा करने के लिये दरवाजे तथा खिड़कियाॅं खोल दे।

6. शराब, चाय, काफी, कार्बोनेटेड साफ्ट ड्रिंक आदि के उपयोग करने से बचे, क्योंकि यह शरीर में निर्जलीकरण करता है।




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