वाराणसी 10 अप्रैल, 2023; राजभाषा विभाग के तत्वाधान में मऊ स्टेशन पर स्थित आचार्य राहुल सांकृत्यायन हिंदी पुस्तकालय में, यात्रा साहित्य के पितामह राहुल सांकृत्यायन जी की 130वीं जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारम्भ मऊ स्टेशन अधीक्षक श्री नीरज कुमार लाल द्वारा राहुल सांकृत्यायन जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि कर किया गया। कार्यक्रम में स्टेशन राजभाषा समिति के सदस्य एवं स्टेशन अधीक्षक श्री नीरज कुमार लाल ने अपने संबोधन में राहुल सांकृत्यायन जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रख्यात साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन का जन्म आजमगढ़ जिले में 09 अप्रैल, 1893 को हुआ था, उन्होंने अपने जीवन के 45 साल अपने घर से दूर यात्राओं में बिताया। सांकृत्यायन भारतीय राष्ट्रवादी थे एवं ब्रिटिश विरोधी लेखन और भाषण देने के आरोप में तीन साल के लिए जेल भी गए थे। इनकी स्मृति में भारतीय डाकतार विभाग ने 1993 में उनकी जन्म शताब्दी पर 100 पैसे का डाक टिकट जारी किया था। सांकृत्यायन जी को साहित्य अकादमी पुरस्कार 1958 में एवं पद्म भूषण सम्मान 1963 में प्राप्त हुआ,आपको महापंडित की उपाधि से भी नवाजा गया है।
सांकृत्यायन जी की साहित्यिक कृतियों में -सतमी के बच्चे, वोल्गा से गंगा, बहुरंगी मधुपुरी, कनैला की कथा (कहानियाँ) जीने के लिए, सिंह सेनापति राजस्थान निवास, विस्मृत यात्री (उपन्यास) शामिल हैं। सांकृत्यायन जी का निधन पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 14 अप्रैल, 1963 को हुआ था।
इस अवसर पर साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन जी की रचनाओं पर विस्तार से चर्चा की गयी। कार्यक्रम में स्टेशन अधीक्षक श्री नीरज कुमार लाल, रेलवे सुरक्षा बल निरीक्षक श्री ए. के. सिंह, डीजल लॉबी इंचार्ज श्री धनंजय कुमार राय, पुस्तकालय अध्यक्ष श्रीमती रीना, गार्ड बुकिंग इंचार्ज श्री विनय कुमार मिश्रा, श्री मंजीत सिंह, श्री अजमल खान, श्री वीर सेन कुमार, श्री राकेश कुमार, श्री राजेश कुमार, श्री अरविन्द यादव, श्री शिव मूरत यादव सहित अन्य पर्यवेक्षक एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन पुस्तकालय प्रभारी श्रीमती रीना ने किया।
*अशोक कुमार*
जनसंपर्क अधिकारी, वाराणसी।
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