बलिया : फाइलेरिया उन्मूलन – 49 रोगियों को मिली रुग्णता प्रबंधन किट


●प्रशिक्षण के माध्यम से फाइलेरिया प्रभावित अंगों के लिए किया जागरूक

●सीफार संस्था की मदद से बने फाइलेरिया नेटवर्क मरीजों को किट वितरित 

संवाददाता कृष्णकांत पांडेय 

बलिया, 18 मार्च 2023। जनपद में शुक्रवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंदह पर स्वास्थ्य विभाग के सहयोग और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था की मदद से कैम्प आयोजित कर 49 फाइलेरिया नेटवर्क मरीजों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही फाइलेरिया प्रभावित अंगो की रुग्णता प्रबंधन के लिए एमएमडीपी किट प्रदान की गयी। इस दौरान फाइलेरिया नेटवर्क की सदस्य एवं चरवा-बड़वा की ग्राम प्रधान रीना सिंह को सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान 2023 में  किए गए सराहनीय प्रयास के लिए जिला मलेरिया अधिकारी ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।


प्रशिक्षण कार्यक्रम में विषय के जानकारों ने फाइलेरिया के बारे में विस्तार से चर्चा की। जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने कहा कि फाइलेरिया मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। यह न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इससे मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। शुरू में डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन किया जाए तो इसका परजीवी नष्ट हो सकता है। इससे बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस- पास व अंदर साफ-सफाई रखें, पानी जमा न होने दें और समय-समय पर रुके हुए पानी में कीटनाशक, जला हुआ मोबिल, डीजल का छिड़काव करते रहें। उन्होंने बताया कि जनपद में अब तक 1325 एमएमडीपी किट फाइलेरिया मरीजों को वितरित की जा चुकी हैं। 



जिला मलेरिया अधिकारी ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों के रुग्णता प्रबंधन का अभ्यास कराया और बताया कि इससे बचने के लिए दो वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा का सेवन करने की आवश्यकता है। दवा के सेवन से फाइलेरिया रोग से बचा जा सकता है। फाइलेरिया की दवा जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध है।

सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के स्टेट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ सतीश कुमार पाण्डेय ने बताया कि फाइलेरिया के मरीजों के प्रभावित अंग को अच्छी तरह से साफ-सफाई कर रखना चाहिए, ताकि किसी प्रकार के संक्रमण से मरीज न प्रभावित हो। इसके लिए उन्हें साफ-सफाई और दवा का सेवन नियमित रूप से करना जरूरी है।

ब्लॉक पंदह के पकड़ी गांव निवासी 42 वर्षीय जय नारायण तिवारी बताते हैं कि दाएं एवं बाए पैर में उन्हें फाइलेरिया (हाथी पांव) का संक्रमण है। यह रोग उनको 20 साल से है। इसकी शुरुआत ठंड और बुखार से हुई थी। पहले उन्होंने अपना इलाज सरकारी अस्पताल में कराया लेकिन कोई आराम नहीं मिला। उसके बाद लोगों के कहने पर कई चिकित्सालय में इलाज कराया। कोई राहत महसूस नहीं हुआ। इसी बीच जय मां भवानी पेसेंट सपोर्ट नेटवर्क पकड़ी से में जुड़ा।  वहां व्यायाम के बारे में बताया गया। दवा खाने के बाद उनको आराम मिला और सूजन भी कुछ कम हुई। वह बताते है कि व्यायाम मैं दो बार रोज करता हूं। इसको करने से बहुत ही लाभ हुआ एवं दवा का सेवन भी किया। अब मैं नए मरीज को ढूंढने एवं सपोर्ट ग्रुप में जोड़ने में अपना योगदान दे रहा हूं।

इस अवसर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंदह के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ० मंजीत आनंद, ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक धर्मेंद्र यादव, सीफार संस्था के एलएफ टीम के जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष कुमार पाण्डेय,ब्लॉक कॉर्डिनेटर एसएन चौबे आदि उपस्थित रहे।



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