सामाजिक समरसता व समानता के पोषक थे, संत शिरोमणि रविदास : केशव प्रसाद मौर्य



-सरकार द्वारा हर योजना में सन्त रविदास जी की भावनाओं को समाहित करते हुये दिया जा रहा है मूर्तरूप।

-काशी में उनकी स्मृति में निर्माण कार्य पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ आगे बढ़ रहा है।

-संत रविदास जी का पूरा जीवन ही एक संदेश है। 

-संत रविदास के का जीवन दर्शन आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक

-हम सबको उनके जीवन से आदर्शों से लेनी चाहिए प्रेरणा।   

लखनऊ: 5 फरवरी 2023। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने विचारों से सम्पूर्ण जगत में सामाजिक एकता व समरसता का सन्देश देने वाले, सामाजिक परिवर्तन के महानायक, परमज्ञानी संत शिरोमणि रविदास जी महाराज की जयंती पर देश और प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। दी हैं।

उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने कैम्प कार्यालय 7-कालिदास मार्ग पर सन्त रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए भावपूर्ण व आत्मिक श्रद्धांजलि अर्पित की।  

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हर योजना में सन्त रविदास जी की भावनाओं को समाहित करते हुये मूर्तरूप दिया जा रहा है।

काशी में उनकी स्मृति में निर्माण कार्य पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ आगे बढ़ रहा है।संत रविदास जी का पूरा जीवन ही एक संदेश है। संत रविदास के का जीवन दर्शन आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक है

हम सबको उनके जीवन से आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए।वह सामाजिक समरसता व समानता के पोषक थे।इस अवसर पर उन्होंने रविदास की समाजोत्थान के प्रति समर्पित पंक्तियां दोहरायी। कहा कि सन्त रविदास ने कहा था ""प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती।। प्रभु जी, तुम मोती, हम धागा जैसे सोनहिं मिलत सोहागा।।""

कहा कि गुरु रविदास जी का जन्म माघ महीने में पूर्णिमा (माघ पूर्णिमा) के दिन पर मनाया जाता है। रविदास जी जाति प्रथा के उन्मूलन में प्रयास करने के लिए जाने जाते हैं। गुरु रविदास जी ने आध्यात्मिकता के साथ ही समानता का संदेश दिया।रविदास पहले लोगों में से एक थे जिन्होंने तर्क दिया कि सभी के पास बुनियादी मानवाधिकार होना चाहिए. उन्होंने भारतीय जाति व्यवस्था के उत्पीड़न से मुक्ति पर आधारित समानता का संदेश आगे लाने का प्रयास किया.औरनिर्गुण भक्ति शाखा के महान कवि एवं संत शिरोमणि रविदास जी ने समाज की धारा का रुख मोड़ दिया था। उनके द्वारा गाए गए दोहों और पदों से आम जनता का उद्धार हुआ। 

सन्त रविदास के दोहे “ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिलै सबन को अन्न।छोट बड़ो सब सम बसै, रैदास रहै प्रसन्न” ।। को उद्धत करते हुए श्री मौर्य ने कहा कि 

इसका अर्थ है कि समाज के सभी वर्ग के लोगों के लिए चाहें वह छोटा हो या बड़ा, एक ऐसे राज्य की कामना करते हैं, जहाँ सभी सुखी हों, जहाँ सभी को अन्न मिले, जिसमें कोई भूखा-प्यासा न रहे, जहाँ कोई छोटा-बड़ा न होकर एक समान हो। ऐसे राज्य से रैदास को प्रसन्नता होती है।

डबल इंजन की सरकार ने केंद्र एवं प्रदेश की प्रत्येक योजनाओं का लाभ, गरीब, मजदूर, महिला, किसान एवं नौजवानों को देने का काम किया है।

गांव गरीब के विकास के लिए पिछले कई सालों में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिसमें हर गरीब को पक्का मकान, शौचालय, सड़क, बिजली, पानी, तथा मुफ्त राशन इत्यादि अनेक गरीब कल्याण की योजनाएं संचालित हैं। इस तरह सरकार ने हर कदम और हर योजना में पूज्‍य श्री गुरु रविदास जी की भावना को समाहित किया है। यही नहीं, काशी में उनकी स्मृति में निर्माण कार्य पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ आगे बढ़ रहा है।

बी एल यादव

सूचना अधिकारी।



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