"अर्थात् ..."


शशि कुमार सिंह 'प्रेमदेव' जनपद के जाने-माने कवि एवं लेखक हैं। पेशे से अंग्रेजी के शिक्षक, 'प्रेमदेव' को एक ओर जहाँ प्रेम के सुकुमार कवि के रूप में पसंद किया जाता है, दूसरी ओर, समकालीन विसंगतियों और विरोधाभासों पर निर्ममतापूर्वक प्रहार करने वाले साहसिक रचनाकार की भूमिका के लिए भी उनकी खूब सराहना होती रही है।

प्रस्तुत है, राजनीति में गहराई तक पैठ बना चुके भ्रष्टाचार एवं जनहित के मुद्दों की अनदेखी की प्रवृत्ति पर कटाक्ष करती उनकी एक छोटी-सी कविता :-

                                                              

'हमारे शहर का

  प्रायः हर बच्चा

  हर नौजवान

  हर अधेड़

  

  भावी समाजसेवी है !


  अर्थात्

  हमारे शहर का

  प्रायः हर बच्चा

  हर नौजवान

  हर अधेड़

  

  भावी जनप्रतिनिधि है !


  अर्थात्

  हमारे शहर का

  प्रायः हर बच्चा

  हर नौजवान

  हर अधेड़

  

  भावी धोखेबाज

  भावी लफ्फाज

  भावी कमीशनखोर है !!

  

   शशि  'प्रेमदेव' ✍️         


            

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