वाराणसी 30 सितम्बर 2022; मंडल रेल प्रबन्धक श्री रामाश्रय पाण्डेय की अध्यक्षता में मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर मनाए जा रहे राजभाषा पखवाड़ा का समापन समारोह पुरस्कार वितरण कार्यक्रम एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन आज दिनांक-30/09/2022 को मंडल कार्यालय के भारतेन्दु सभाकक्ष में संपन्न हुआ। काव्य गोष्ठी में जाने-माने रचनाकार पं० भूषण त्यागी, श्री भाल चन्द्र त्रिपाठी, श्री नागेश शांडिल्य, श्री फजीहत गहमरी एवं डा. अल्का दूबे ने काव्य पाठ किया। इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा) श्री ज्ञानेश त्रिपाठी, अपर मंडल रेल प्रबंधकल (आपरेशन) श्री एस पी एस यादव, अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा कल्पना दूबे, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री संजीव शर्मा, वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी श्री समीर पॉल, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (आपरेशन) श्री अनिल श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी श्री आशुतोष शुक्ला, वरिष्ठ मंडल संसाधन एवं आंकड़ा प्रबंधक श्री श्री एस एन राम, मंडल कार्मिक अधिकारी श्री विवेक मिश्रा, सहायक मंडल वित्त प्रबंधक श्री एस आर के मिश्रा, सहायक मंडल संरक्षा अधिकारी श्री विजय आर्या एवं विभिन्न शाखाधिकारियों समेत स्टेशनों से पधारे प्रतियोगिताओं में सफल कर्मचारी उपस्थित थे।
विचार गोष्ठी में अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में बोलते हुए मंडल रेल प्रबंधक श्री रामाश्रय पाण्डेय ने कहा कि राजभाषा के हिन्दी प्रचार-प्रसार में रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हम रेल के प्रत्येक कार्य क्षेत्र में राजभाषा हिन्दी के प्रयोग प्रसार के लिये निरन्तर सजग है, जिसकी आज का यह कवि सम्मेलन महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि पूर्वान्चल की पावन धरा प्राचीन काल से महान साहित्यकार की कर्म भूमि उनकी अमूल्य कृतियों की धरोहर रही है। कलम के धनी साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन किये है।
तुलसीदास, कबीरदास, जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘ जैसे साहित्यकारों ने अपनी कृतियों के माध्यम से न केवल हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया अपितु समाज का पथ प्रदर्शन भी किया। उन्होंने कहा कि कवि की दृष्टि बहुत सूक्ष्म होती है और कवि तथा उनकी कविताओं का अपने समय के सभी सरोकारों से गहरा रिश्ता होता है। राजभाषा अधिकारी एवं उनकी टीम इस काव्य संध्या के आयोजन के लिये बधाई के पात्र हैं। कविता में प्रतिकों के माध्यम से कवि अपने समय के समाज का हृदयस्पर्शी चित्रण करते हुए दिखाई देता है। सही अर्थों में कविता एक सजग प्रहरी के रुप कार्य करते हुए समाज को नई दिशा प्रदान करने के साथ-साथ स्वस्थ मनोरंजन भी करती है। आज उपस्थित रचनाकार एवं कवि अपनी कविता रूपी संजीवनी से हमारे रेल कर्मियों के अन्दर एक नई ऊर्जा का संचार करेंगे।
अतिथियों एवं कवियों का स्वागत करते हुए अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा) एवं अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री ज्ञानेश त्रिपाठी ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से मनोरंजन के साथ ही उत्साहवर्धन भी होता है। कहा आज इस कवि सम्मेलन में आमंत्रित सभी कवियों का मैं हार्दिक स्वागत करता हूँ। वाराणसी मंडल सदैव से राजभाषा प्रयोग-प्रसार की दिशा में उल्लेखनीय भूमिका निभाता रहा है। हमारे यहाँ सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित करने की पुष्ट परंपरा विद्यमान है। हम इन कार्यक्रमों की मदद से अपने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को हिंदी के प्रति प्रोत्साहित करते हैं हम जानते हैं कि कविता न केवल सुखद आनंद की अनुभूति कराती है बल्कि जीवन में एक नई उमंग एवं जोश भर देती है।
इस अवसर पर मंडल कार्यालय की राजभाषा सप्ताह के अन्तर्गत आयोजित राजभाषा पखवाड़ा के दौरान आयोजित निबंध, टिप्पण, वाक एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं मे सफल 13 कर्मचारियों को मंडल रेल प्रबंधक द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं नगद पुरस्कार प्रदान कर पुरस्कृत किया। उन्होने स्थान प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को बधाई देते हुए अन्य कर्मचारियों से अग्रह किया कि वे भी राजभाषा में अपनी रुचि बढ़ाएं एवं प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करें।
इसके पूर्व सहायक संरक्षा अधिकारी एवं राजभाषा अधिकारी श्री विजय प्रताप आर्या ने समारोह में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए राजभाषा के पखवाड़े के अन्तर्गत वाराणसी मंडल पर हुए विभिन्न आयोजनों एवं क्रियाकलापों से सबको परिचित कराया और प्रत्येक क्षेत्र में राजभाषा के प्रयोग पर बल दिया। काव्य गोष्ठी का संचालन कवि पं० भूषण त्यागी एवं धन्यवाद ज्ञापन राजभाषा अधिकारी ने किया।
*अशोक कुमार*
जनसंपर्क अधिकारी, वाराणसी।
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