बलिया : पोलियो की दवा सुरक्षित और असरदार

 


माननीय दयाशंकर सिंह परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), माननीय नीरज शेखर सांसद (राज्यसभा) एवं भाजपा जिला अध्यक्ष जय प्रकाश साहू ने संयुक्त रुप से जिला महिला अस्पताल से पल्स पोलियो अभियान का किया शुभारंभ

सोमवार से घर-घर जाकर पोलियो की दवा पिलाएंगी पल्स पोलियो की टीम

बलिया 18 सिंतबर 2022। पल्स पोलियो की दवा सुरक्षित और असरदार है। इसके प्रति मिथक और भ्रांतियों के कारण पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो का उन्मूलन नहीं हो सका, जबकि भारत में पोलियो उन्मूलन संभव हो गया। चूंकि पड़ोसी देशों में पोलियो के वायरस मौजूद हैं, इसलिए एहतियातन भारत के भी हर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चे को पोलियो से पूर्ण प्रतिरक्षित किया जाना अनिवार्य है। इसलिए प्रत्येक अभिभावक का दायित्व है कि वह अपने बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं। उक्त बातें माननीय दयाशंकर सिंह परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने जिला महिला अस्पताल से पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ करते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि 19 से 26 सितंबर तक घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम पोलियो की दवा पिलाएंगी।


जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ० वीरेंद्र कुमार ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के तरफ से समस्त उप जिलाधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, जिला पूर्ति अधिकारी, नगर निकायों से संबंधित अधिकारियों और जिला पंचायती राज अधिकारी को पत्र भेजे गये हैं। इस पत्र के जरिये दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुसार स्कूलों में बूथ दिवस पर रैलियां निकाली गयी हैं और पल्स पोलियो अभियान के प्रति जागरूकता के संदेश दिये गये। आईसीडीएस विभाग से कहा गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों के तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों को केंद्र पर दवा पिलवाएं, जबकि तीन वर्ष से कम आयु के बच्चों के माताओं को प्रेरित कर दवा पिलाई जाए। राजस्व विभाग, आपूर्ति विभाग, पंचायती राज विभाग और नगर निकाय से जुड़े लोगों से इंकारी परिवारों को प्रेरित कर उनके बच्चों को पोलियों की दवा पिलवाने को कहा गया है।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० जयन्त कुमार ने बताया कि पोलियो का टीका नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में भी शामिल है। पल्स पोलियो का ड्रॉप जन्म के समय ही दिया जाता है। इसके अलावा छह, दस और चौदह सप्ताह पर भी यह ड्रॉप पिलाया जाता है। इसकी बूस्टर खुराक सोलह से चौबीस महीने की आयु में भी दी जाती है। भारत सरकार के नेशनल हेल्थ पोर्टल पर 23 अक्टूबर 2018 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक पोलियो के दो सौ संक्रमणों में से एक संक्रमण अपरिवर्तनीय पक्षाघात (आमतौर पर पैरों में) में बदल जाता है। ऐसे पक्षाघात पीड़ित में से पांच से दस फीसदी की मौत हो जाती है। ऐसे में इस जटिल बीमारी के प्रति संपूर्ण प्रतिरक्षण अति आवश्यक है।


सीएमओ ने बताया कि जिले में रविवार को आयोजित बूथ दिवस पर 1601 बूथों पर पोलियो की दवा पिलाई जा रही है। उद्घाटन अवसर पर जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षका डॉ० सुमिता सिन्हा, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ० शशि प्रकाश, जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ०आर बी यादव, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एस एमओ डॉ० नकीबुल जमा, यूनिसेफ के डी एम सी नसीम खान और यूएनडीपी संस्थाओं के प्रतिनिधि इत्यादि मौजूद रहे। 

स्वस्थ है दोनों बच्चे :-

बी एन पाण्डेय निवासी बलिया सदर का सरकारी टीकों में पूर्ण विश्वास है। उनका बड़ा बेटा शुभम चार साल का है जबकि बेटी  शालिनी 2 साल की है। उनका कहना है कि उन्होंने अपने दोनों बच्चों को पोलियो की सभी ड्रॉप पिलवाई है और सभी प्रकार के टीके सरकारी टीकाकरण केंद्र से ही लगवाए हैं। इससे उनके दोनों बच्चे स्वस्थ हैं। पोलियो के ड्रॉप के कारण कभी भी कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा। टीका लगने के बाद बुखार आता है जो सामान्य प्रभाव है। लेकिन कुछ अभिभावकों के द्वारा बुखार के कारण टीकाकरण कराने से इनकार किया जाता है जो गलत है। बच्चों को बुखार आने की दशा में बुखार की दवा दी जाती है और वह स्वस्थ हो जाते हैं। सभी लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलानी चाहिए और नियमित टीकाकरण भी समय अनुसार अवश्य कराना चाहिए।

 अभियान: एक नजर में :-

लक्षित लाभार्थी बच्चे- लगभग 4.50 लाख

गृह भ्रमण टीम-856

ट्रांजिट टीम-61

मोबाइल टीम-19

प्लानिंग यूनिट-18



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