चाणक्य नीति : मुश्किल वक्त में लड़ने की ताकत देती हैं ये 3 चीजें, आप भी जान लीजिए


आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि क्या हैं वो चीजें जो मुश्किल समय में लड़ने की ताकत देती है। आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में।

आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी समाज और परिवार में जीने के सलीके सिखाती हैं। आचार्य चाणक्‍य ने अपनी नीति में पैसे, सेहत, बिजनेस, दांपत्‍य जीवन, समाज, जीवन में सफलता से जुड़े तमाम चीजों पर अपनी राय दी है जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है। अगर आप इन्हें जीवन में उतार लिया जाए तो आप कभी धोखा नहीं खा सकते हैं। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि क्या हैं वो चीजें जो मुश्किल समय में लड़ने की ताकत देती है। आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में। 

श्लोक (बारहवां अध्याय)

संसारातपदग्धानां त्रयो विश्रान्तिहेतवः। 

अपत्यं च कलत्रं च सतां संगतिरेव च॥

भावार्थ : आचार्य चाणक्य के इस कथन के अनुसार, सांसारिक ताप से जलते हुए लोगों को तीन ही चीजें आराम दे सकती हैं - संतान, पत्नी तथा सज्जनों की संगति।

पुत्र : आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस व्यक्ति के पास ऐसा पुत्र हो जो अपने माता-पिता का ख्याल रखता हो और सही रास्ते में चलकर अपने लक्ष्य को पाता है, ऐसा पुत्र आने वाले समय में अपने माता-पिता के साथ-साथ समाज का भी नाम रोशन करता है। 

पत्नी : चाणक्य जी कहते हैं कि यदि किसी व्यक्ति की पत्नी सुशील और संस्कारी हो तो उसका पूरा जीवन सुख के साथ बीत जाता है। ऐसी पत्नी इंसान के हर सुख-दुख में साथ देने के साथ-साथ मुश्किल समय में आपके सामने ढाल की तरह खड़ी रहती हैं। 

सही संगति : अधिकतर लोग गलत और सही का फर्क नहीं समझ पाते हैं। ऐसे में यदि कोई दुराचारी, दुष्ट स्वभाव या फिर दूसरों को हानि पहुंचाने वाले व्यक्ति से मित्रता कर लेता है तो यह आपके भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए दोस्ती सोच समझकर ही करें। 

डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। 



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