हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन को समर्पित होता है. इस दिन बहन अपने भाई की हाथ की कलाई में रक्षा सूत्र बांधती हैं और अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं.
हर साल रक्षाबंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. रक्षाबंधन का त्योहार सदियों से चला आ रहा है.यह त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते और प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधती हैं और कामना करती हैं कि हर एक विपदा से उनकी भाई की रक्षा हो सके. वहीं भाई भी अपनी बहन को यह वचन देते हैं कि वे हर मुसीबतों से उनकी रक्षा करेंगे. आइए जानते हैं पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से कि इस साल रक्षाबंधन की तिथि और इसका महत्व क्या है.
रक्षाबंधन की तिथि और शुभ मुहूर्त :
पंचांग के मुताबिक साल 2022 में रक्षा बंधन 11 अगस्त, गुरुवार को मनाया जाएगा. पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से होगी. वहीं पूर्णिमा तिथि का समापन 12 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 05 मिनट पर होगा. 11 अगस्त, गुरूवार सुबह 08 :51 बजे से शाम 09 :17 बजे तक.रक्षा बंधन के लिए 12 बजे बाद का समय: – 05 :17 बजे से 06 :18 बजे तक.
रक्षाबंधन का महत्व :
यह त्योहार भाई-बहन की सच्ची भावनाओं का प्रतीक है. यह त्यौहार भाई और बहन के बीच के रिश्ते को मजबूत करता है. बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके लंबे जीवन और समृद्ध भविष्य के लिए प्रार्थना करती हैं.
रक्षाबंधन की थाली :
भाई को राखी बांधने के लिए थाली में कुमकुम, हल्दी, अक्षत, राखी के साथ मिठाई, कलश में पानी और आरती के लिए ज्योति रखें. भाई को तिलक लगाकर उसके दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र बांधें और भाई की आरती उतारें.
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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