श्रम शक्ति राष्ट्र की आर्थिक उन्नति का सबसे बड़ा आधार है : रंजीता सिंह


राष्ट्र के विकास के लिए  व्यक्ति को अपने जीवन में श्रम शक्ति को आधार बनाना चाहिए मजदूर दिवस को समर्पित करते हुए श्रम शक्ति से जुड़ी हुई देवरिया जिले की श्रम शक्ति से जुड़ी महिला रंजीता सिंह ने अपने लेख में कहा कि विश्व मजदूर दिवस की बात की जाए तो इसे 'मई दिवस' (May Day) के नाम से भी जाना जाता है। गूगल ने भी अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस का गूगल डूडल (Labour Day) बनाया है। भारत समेत दुनिया भर की बड़ी कंपनियां मजदूर दिवस मनाती है . इस दिन लगभग सभी कंपनियों में छुट्टी होती है। भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्‍तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में मजदूर दिवस की शुरुआत की थी। हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था जो बाद में चलकर मजदूर दिवस के नाम से प्रचलित हो गया। मजदूर दिवस के मौके पर पहली बार भारत में आजादी के पहले लाल झंडे का इस्‍तेमाल किया गया था। मौजूदा समय में भारत समेत दुनिया भर के देशों में मजदूरों के आठ घंटे श्रम करने करने का संबंधित कानून बनाया गया जो मनुष्य के दैनिक जीवन का आधार बन गया मजदूर भारत का सपना है जो एक कला के माध्यम से कई प्रकार की नक्काशी कई प्रकार के योजनाओं को प्रदर्शित करने का कार्य करता है। जो श्रम की श्रेणी में आता है मनुष्य के जीवन में हर व्यक्ति एक मजदूर है क्योंकि किसी प्रकार का श्रम करके पैसा कमाना जो एक मजदूर की श्रेणी में माना जाता है। मजदूर होना भी गर्व का विषय है क्योंकि अपने जीवन को एक नई दिशा देने के लिए हमें मजदूरी करनी चाहिए। जो एक आर्थिक राष्ट्र बनाने में पूरी तरह से सहयोग करता है मजदूर की एक छोटी पत्तियां प्रदर्शित है। 

मैं मजदूर हूं मजबूर नहीं, 

यह कहने में मुझे शर्म नहीं, 

अपने पसीने की खाता हूं, 

मैं मिट्टी को सोना बनाता हूं, राष्ट्र के निर्माण में अपना समय गवाता हूं इसीलिए मजदूर कहलाता हूं। 

मजदूर दिवस की शुभकामनाएं!!



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