मां दूर रहे या पास रहे, सबसे खास रही है
ईश्वर का बास मां में, सदा ही रहा है
पूरी दुनिया ठुकरा दे चाहे, मां का आंचल रहा है
कितना सुंदर व पावन, साथ मां का प्यार रहा है
गरीब हो या अमीर हो, मां एक जैसी रही है
मां की ममता नहीं बंटती, बंटती हर चीज रही है
मां तो सिर्फ मां होती है, हिंदुस्तानी हो या विदेशी
सुंदर नजरिए से देखो, सदियों से पूजनीय रही है
मां का प्यार और सम्मान करो, खुश रहोगे हरदम
हर वक्त जीवन में, दुआओं के फूल खिलेंगे
मां को स्नेह से वंचित रख कभी, सुखी न रहोगे
मां से जाने जाते, मां से दूर, अस्तित्व विहीन रहोगे।।
पूनम झा ✍️
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